केरल के मुख्यमंत्री विजनयन ने UCC को लेकर कांग्रेस पर कसा तंज

KNEWS DESK… लाॅ कमीशन ने UCC पर लोगों और धार्मिक संगठनों से राय मांगी है जिसको लेकर अब पूरे देश में सियासत गरमाई हुई है। लगातार देश के राजनीतिक दल इस मामले पर राजनीति करते हुए दिखाई दे रहे हैं। इसी बीच केरल के सीएम पिनाराई विजयन ने बीते दिन यानी 6 जुलाई को कांग्रेस से UCC पर अपना रूख स्पष्ट करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पार्टी कि चुप्पी छल-कपटी जैसी है।

दरअसल आपको बता दें कि केरल के सीएम विजनयन ने ट्वीट करते हुए लिखा कि  ”क्या समान नागरिक संहिता पर कांग्रेस का कोई स्पष्ट रुख है? जब भारत की बहुलता पर संघ परिवार (आरएसएस) के हमलों का विरोध करना समय की मांग है, तो क्या कांग्रेस उनके खिलाफ सख्त रुख अपनाने के लिए तैयार है?”

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जानकारी के लिए बता दें कि विधि आयोग की तरफ से जनता की राय मांगी गई थी जिसके बाद कांग्रेस ने आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा था कि चुनाव के कारण UCC को हवा दी जा रही है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने 15 जून  को पार्टी की तरफ से बयान जारी करते हुए कहा था कि भाजपा और केंद्र सरकार अपने एजेंडे को वैध बताने के लिए ऐसा कर रही है। रमेश ने आगे कहा था कि यह अजीब है कि विधि आयोग नए सिरे से राय ले रहा है।

यह मुद्दा समाज विभाजन पैदा करने के लिए उठाया गया-वीरप्पा मोइली

गौरबतल हो कि 5 जुलाई को ही पूर्व कानून मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली ने आरोप लगाया कि यह मुद्दा समाज विभाजन पैदा करने के लिए उठाया गया है। देश को अस्थिर किया जा सकता है। भारतीय समाज की विविधता को नष्ट किया जा सकता है। एक बयान में मोइली ने इस बात पर जोर दिया कि संविधान का अनुच्छेद 25 विश्वास की स्वतंत्रता के अधिकार की गारंटी देता है। वीरप्पा ने कहा कि ”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में सार्वजनिक रूप से समान नागरिक संहिता की बात की थी। इसका उल्लेख संविधान में है, लेकिन संविधान निर्माताओं ने संविधान सभा में निर्णय लिया था कि समान नागरिक संहिता को अनिवार्य नहीं बनाया जाना चाहिए क्योंकि यह भारतीय समाज की विविधता से संबंधित है।

सुप्रीम कोर्ट भी समय-समय पर यूसीसी लाने की बात कहता रहा है

बता दें कि पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बीजेपी के एक कार्यक्रम में कहा था कि विपक्ष UCC पर लोगों को भड़का रहा है। एक देश में दो कानून कैसे हो सकते हैं? UCC का उल्लेख संविधान में भी है। सुप्रीम कोर्ट भी समय-समय पर UCC लाने की बात कहता रहा है।

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