KNEWS DESK – जम्मू-कश्मीर में हुए विधानसभा चुनावों में नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) और कांग्रेस गठबंधन ने बड़ी जीत दर्ज की है। ताजा रुझानों के मुताबिक, गठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिलता दिख रहा है। नेकां-कांग्रेस गठबंधन 46 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है, जिससे जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक तस्वीर बदलती नजर आ रही है। इस जीत के साथ ही जम्मू-कश्मीर में लंबे समय से प्रतीक्षित स्थिरता की उम्मीदें बढ़ गई हैं।
उमर अब्दुल्ला होंगे नए मुख्यमंत्री
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने इस बड़े राजनीतिक घटनाक्रम के बीच एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने घोषणा की है कि जम्मू-कश्मीर के अगले मुख्यमंत्री उनके बेटे उमर अब्दुल्ला होंगे। उमर अब्दुल्ला ने गांदरबल और बडगाम दोनों सीटों से चुनाव लड़ा था और उन्होंने दोनों जगहों से शानदार जीत दर्ज की है।
गांदरबल में उमर अब्दुल्ला को 18,193 वोट मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी पीडीपी के बशीर अहमद 12,745 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। वहीं, बडगाम सीट पर उमर ने 36,010 वोटों के साथ जीत हासिल की और पीडीपी उम्मीदवार आगा सैयद मुंतजिर को हराया।
फारूक अब्दुल्ला ने जताया जनता का आभार
चुनाव में नेकां-कांग्रेस गठबंधन की सफलता के बाद फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के लोगों का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा, “हम सभी उन मतदाताओं के आभारी हैं जिन्होंने हमें इस महत्वपूर्ण समय में अपना समर्थन दिया। यह जीत इस बात का प्रमाण है कि जम्मू-कश्मीर के लोग अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के खिलाफ थे और उन्होंने इसका जवाब लोकतांत्रिक तरीके से दिया है।”
उन्होंने आगे कहा कि उनकी प्राथमिकता अब जम्मू-कश्मीर के विकास पर होगी। “हमें बेरोजगारी खत्म करनी होगी, महंगाई और नशीली दवाओं की समस्या से निपटना होगा। अब कोई उपराज्यपाल और उनके सलाहकार नहीं होंगे, बल्कि 90 विधायक होंगे जो जनता के लिए काम करेंगे,” उन्होंने कहा।
उमर अब्दुल्ला का धन्यवाद संदेश
दोनों सीटों से जीतने के बाद उमर अब्दुल्ला ने भी जनता का आभार जताया। उन्होंने कहा, “नतीजे आने के बाद हम इस बारे में बात करेंगे, लेकिन फिलहाल मैं उन सभी लोगों का धन्यवाद करता हूं जिन्होंने हमें इस चुनाव में समर्थन दिया। हमें उम्मीद से कहीं ज्यादा समर्थन मिला है और अब हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस विश्वास पर खरे उतरें।”
जम्मू-कश्मीर की नई शुरुआत
इस चुनाव के नतीजे जम्मू-कश्मीर की राजनीति में एक नई दिशा की ओर संकेत कर रहे हैं। लंबे समय से उपराज्यपाल शासन के तहत रहने के बाद, राज्य को एक बार फिर से अपनी चुनी हुई सरकार मिल रही है। उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर एक नई राह पर चलेगा, जहां विकास, रोजगार और सुरक्षा जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
यह देखना दिलचस्प होगा कि उमर अब्दुल्ला और उनकी सरकार किस तरह से राज्य की चुनौतियों का सामना करते हैं और जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए एक स्थिर और समृद्ध भविष्य का निर्माण करते हैं।