Knews India, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का ‘सीई20 क्रायोजेनिक इंजन’ अंतरिक्ष यात्री वाले गगनयान मिशन के लिए अंतिम परीक्षणों में सफल साबित हुआ है। इसे इसरो के लिए एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है। क्रायोजेनिक इंजन, गगनयान मानव अंतरिक्ष मिशन के लिए एलवीएम प्रक्षेपणयान के ‘क्रायोजेनिक चरण’ को शक्ति प्रदान करता है। अंतरिक्ष एजेंसी ने बुधवार को ‘एक्स’ पर कहा कि इसरो का सीई-20 क्रायोजेनिक इंजन मानव मिशन के लिए अंतिम परीक्षणों में सफल रहा। इसने कहा कि कठिन परीक्षण से इंजन की क्षमता का पता चलता है।
इसरो के मुताबिक, पहली मानव रहित उड़ान ‘एलवीएम थ्री जी बन’ के लिए पहचाना गया सीई20 इंजन जरूरी परीक्षणों से गुजरा। इसने कहा कि अंतिम परीक्षण उड़ान हालातों का जायजा लेने के लिए ‘इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स’ महेंद्रगिरि में 13 फरवरी को किया गया जो इस श्रृंखला का सातवां परीक्षण था। इसरो ने 2024 की दूसरी तिमाही के लिए संभावित पहले मानव रहित गगनयान (जी वन) मिशन के लिए पहचाने गए इस उड़ान इंजन के जरूरी परीक्षणों को भी सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।
इसरो के अनुसार, मानव रेटिंग मानकों के लिए सीई20 इंजन को रेटिंग्स प्राप्त करने के लिए, चार इंजनों को 8,810 सेकंड की संचयी अवधि के लिए अलग-अलग परिचालन हालातों के तहत 39 हॉट फायरिंग परीक्षणों से गुजरना पड़ा है, जबकि न्यूनतम मानव रेटिंग योग्यता मानक आवश्यकता 6,350 सेकंड है।