KNEWS DESK, आईओए की अध्यक्ष पी. टी. उषा ने उनके खिलाफ शिकायत करने वाले शिकायतकर्ताओं पर निशाना साधा है। उन्होंने कार्यकारी परिषद में बगावत करने वाले सदस्यों का ध्यान खुद के वित्तीय लाभ पर होना बताया है।
भारतीय ओलंपिक संघ को अपने तरीके से चलाने का आरोप लगाते हुए अध्यक्ष पी. टी. उषा ने रविवार को कार्यकारी परिषद में बगावत करने वाले सदस्यों पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि उनका मकसद देश के खेल की भलाई करने की जगह ‘खुद के फायदे और पैसे लेने पर है। उषा ने आधिकारिक विज्ञप्ति में आरोप लगाया कि “इनमें से कुछ ईसी सदस्यों का ट्रैक रिकॉर्ड बेहद संदिग्ध है। इसमें लैंगिक भेदभाव के आरोप और यहां तक कि उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले भी दर्ज हैं।” उन्होंने आगे कहा कि, “भारत की अगुवाई करने वाले एक खिलाड़ी के तौर पर अपने 45 साल लंबे करियर में मैंने कभी ऐसे लोगों का सामना नहीं किया है जो हमारे खिलाड़ियों की आशाओं और हमारे देश के खेल भविष्य को लेकर इतने उदासीन हैं।”
इस पूर्व दिग्गज एथलीट ने बिना किसी का नाम लिए कहा, “इसके अलावा ये बताना भी जरूरी है कि इनमें से कुछ ईसी सदस्यों के ट्रैक रिकॉर्ड बेहद संदिग्ध हैं। उन पर लैंगिक पूर्वाग्रह के आरोप हैं। यहां तक कि उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले भी दर्ज हैं।” कार्यकारी परिषद के 12 सदस्यों ने शनिवार को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के सीनियर अधिकारी जेरोम पोइवे को पत्र लिखकर इस दिग्गज एथलीट पर तानाशाही से काम करने का आरोप लगाया। उन्होने कार्यकारी परिषद की नोकझोंक से भरी बैठक के दौरान उषा की ओर से आईओए सीईओ के पद से रघुराम अय्यर को हटाने की उनकी मांग को खारिज करने के बाद आईओसी को पत्र लिखा।