इतिहास रचकर धरती पर लौटे भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला, स्पेस में बिताए 18 अविस्मरणीय दिन

KNEWS DESK- भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के इतिहास में एक और सुनहरा अध्याय जुड़ गया है। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने एक्सिओम-4 मिशन के तहत 18 दिनों तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में रहकर एक अहम वैज्ञानिक सफर पूरा किया। 15 जुलाई दोपहर करीब 3 बजे (भारतीय समयानुसार) उनका यान कैलिफोर्निया के तट पर सुरक्षित स्प्लैशडाउन के साथ पृथ्वी पर वापस लौट आया।

शुभांशु शुक्ला और अन्य तीन अंतरिक्ष यात्री — अमेरिका की पैगी व्हिटसन, पोलैंड के स्लावोज उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी के टिबोर कापू — 25 जून को फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट के ज़रिए रवाना हुए थे। अंतरिक्ष में उन्होंने 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग और 20 से ज्यादा आउटरीच प्रोग्राम पूरे किए।

स्पेसएक्स और नासा के इस साझा मिशन का उद्देश्य सिर्फ वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम देना नहीं था, बल्कि विभिन्न देशों के साथ मिलकर मानव अंतरिक्ष अन्वेषण के नए द्वार खोलना भी था।

चारों अंतरिक्ष यात्री 14 जुलाई की शाम 4:45 बजे (भारतीय समय) अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से ड्रैगन यान में सवार होकर पृथ्वी की ओर रवाना हुए थे। करीब 23 घंटे का सफर तय करने के बाद 15 जुलाई को सफलतापूर्वक प्रशांत महासागर में स्प्लैशडाउन हुआ।

स्पेसएक्स ने इस घटनाक्रम की लाइव जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर साझा की। कंपनी ने बताया कि अंतरिक्ष यान ने पृथ्वी के वायुमंडल में सुरक्षित प्रवेश कर लिया है और सैन डिएगो के तट पर उतरने की दिशा में है।

शुभांशु शुक्ला की यह ऐतिहासिक यात्रा न केवल भारत के लिए गौरव का क्षण है, बल्कि यह गगनयान मिशन 2027 के लिए एक प्रशिक्षणात्मक और रणनीतिक कदम भी माना जा रहा है। इस मिशन के ज़रिए भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम को गति मिलेगी और वैश्विक मंच पर भारत की मौजूदगी और भी सशक्त होगी।

शुक्ला की वापसी पर पूरे देश में उत्साह और गर्व की लहर है। केंद्रीय विज्ञान और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया पर शुभकामनाएं देते हुए लिखा, “शुभांशु, आपका स्वागत है! आपकी वापसी का हर भारतीय को इंतजार था। आपने अंतरिक्ष में भारत का झंडा ऊंचा किया।”

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