KNEWS DESK- आखिरकार लंबे इंतजार के बाद भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने इतिहास रच दिया है। Axiom Space के Axiom-4 मिशन के तहत शुभांशु और उनके तीन अन्य सहयोगी बुधवार दोपहर 12:01 बजे (भारतीय समयानुसार) अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए रवाना हो गए। यह प्रक्षेपण फ्लोरिडा स्थित नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर के लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39A से हुआ।
स्पेसएक्स (SpaceX) ने प्रक्षेपण से पहले सोशल मीडिया पर बताया था कि मौसम 90% अनुकूल है, और सभी तकनीकी सिस्टम सुचारू रूप से काम कर रहे हैं। लॉन्च के समय मौसम ने पूरी तरह साथ दिया, जिससे मिशन तय समय पर लॉन्च हो सका।
इस मिशन की कमान नासा की पूर्व अंतरिक्ष यात्री और Axiom Space की डायरेक्टर पैगी व्हिटसन के हाथ में है, जबकि भारतीय वायुसेना के पूर्व अधिकारी शुभांशु शुक्ला को इस मिशन का पायलट नियुक्त किया गया है।
शुभांशु के साथ दो और मिशन स्पेशलिस्ट हैं-
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स्लावोज उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की (पोलैंड) – ईएसए (यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी) से जुड़े
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टिबोर कपू (हंगरी) – हंगेरियन टू ऑर्बिट (HUNOR) कार्यक्रम के अंतरिक्ष यात्री
Axiom-4 मिशन की लॉन्चिंग को पहले 29 मई को होना था, लेकिन खराब मौसम, फाल्कन-9 रॉकेट की तकनीकी समीक्षा, और ISS के रूसी मॉड्यूल में लीक के कारण इसे कई बार टालना पड़ा। बाद में 8, 10 और 11 जून को भी प्रक्षेपण की संभावित तारीखें दी गई थीं, लेकिन मिशन को आखिरकार 25 जून को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया।
लखनऊ में जन्मे शुभांशु शुक्ला ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सिटी मोंटेसरी स्कूल, लखनऊ से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बेंगलुरु से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में एमटेक की डिग्री हासिल की।
वर्ष 2006 में शुभांशु ने भारतीय वायुसेना की फाइटर स्ट्रीम ज्वाइन की थी, जहां उन्होंने Su-30 MKI, मिग-21, मिग-29, जगुआर, डोनियर और हॉक जैसे लड़ाकू विमानों को उड़ाते हुए 2,000 से अधिक उड़ान घंटे पूरे किए। वे फाइटर कॉम्बैट लीडर और टेस्ट पायलट भी रहे।
2019 में शुभांशु ने ISRO के गगनयान मानव अंतरिक्ष मिशन के लिए आवेदन किया और चयनित हुए। इसके बाद उन्होंने रूस और बेंगलुरु में कठोर प्रशिक्षण प्राप्त किया, जो उन्हें अंतरिक्ष यात्रा के लिए तैयार करने में मददगार साबित हुआ।
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