KNEWS DESK – भारत ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को दिए जा रहे समर्थन को उजागर करते हुए तुर्किए से अपील की है कि वह अपने सहयोगी पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाने के लिए मजबूर करे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत को उम्मीद है कि तुर्किए पाकिस्तान से कहेगा कि वह दशकों से पनप रहे आतंकवादी नेटवर्क के खिलाफ विश्वसनीय और सत्यापन योग्य कार्रवाई करे।
“संबंध आपसी संवेदनशीलता पर टिके होते हैं”
रणधीर जायसवाल ने कहा, “राष्ट्रों के बीच संबंध आपसी सम्मान, विश्वास और एक-दूसरे की चिंताओं के प्रति संवेदनशीलता पर आधारित होते हैं। हमें भरोसा है कि तुर्की भारत की चिंताओं को गंभीरता से लेकर पाकिस्तान पर उचित दबाव डालेगा।”
प्रवक्ता ने दोहराया कि भारत का आतंकवाद को लेकर रुख स्पष्ट और अडिग है — बातचीत और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते। उन्होंने कहा कि भारत ने अतीत में पाकिस्तान को ऐसे आतंकवादियों की सूची सौंपी थी जिनकी भारत को तलाश है, और भारत अब भी इस मुद्दे पर सार्थक चर्चा के लिए तैयार है, यदि पाकिस्तान गंभीरता दिखाए।
रणधीर जायसवाल ने जानकारी दी कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने हाल ही में चीन के विदेश मंत्री वांग यी से बातचीत की, जिसमें पाकिस्तान से उत्पन्न सीमा पार आतंकवाद की बात सामने रखी गई। उन्होंने बताया कि भारत ने चीन को स्पष्ट कर दिया है कि भारत-चीन संबंध आपसी विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता के मूल सिद्धांतों पर आधारित हैं।
सिंधु जल संधि पर सख्ती
जम्मू-कश्मीर और सिंधु जल संधि को लेकर भारत ने फिर स्पष्ट किया कि इन मुद्दों पर कोई भी बातचीत तब तक नहीं होगी जब तक पाकिस्तान अपने आतंकवाद समर्थन के रुख को स्थायी और सत्यापन योग्य रूप से नहीं छोड़ देता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान का हवाला देते हुए जायसवाल ने कहा कि “जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद का समर्थन करता रहेगा, सिंधु जल संधि जैसे समझौते भी समीक्षा और पुनर्विचार के दायरे में रहेंगे।”
विदेश मंत्रालय ने यह भी खुलासा किया कि हाल ही में भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान को सख्त जवाब दिया है और इस कार्रवाई की जानकारी डीजीएमओ चैनल के जरिए पाकिस्तान को दे दी गई है। यह ऑपरेशन हाल ही में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों की घुसपैठ की कोशिशों के जवाब में किया गया था।