KNEWS DESK- देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी मुहिम के बीच ओडिशा से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। कालाहांडी जिले के धरमगढ़ में पदस्थापित 2021 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी धीमन चकमा को ₹10 लाख की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। साथ ही उनके सरकारी आवास की तलाशी में ₹47 लाख नकद बरामद किए गए हैं।
जानकारी के मुताबिक, धीमन चकमा ने एक स्थानीय व्यवसायी से ₹20 लाख की रिश्वत मांगी थी। उन्होंने धमकी दी थी कि यदि पैसे नहीं दिए गए तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। व्यापारी ने इसकी शिकायत सतर्कता विभाग (Vigilance Department) से की, जिसके बाद अधिकारियों ने जाल बिछाया।
रविवार को अधिकारी ने व्यापारी को पैसे लेकर अपने सरकारी आवास बुलाया, जहां पहले से निगरानी कर रही सतर्कता टीम ने उन्हें ₹10 लाख की पहली किस्त लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी के बाद टीम ने तुरंत अधिकारी के आवास की तलाशी ली। तलाशी के दौरान ₹47 लाख नकद बरामद हुए, जिनके स्रोत की जांच की जा रही है। सतर्कता अधिकारियों को संदेह है कि यह पैसा भी रिश्वतखोरी और अन्य भ्रष्ट गतिविधियों से संबंधित हो सकता है।
इस पूरे मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 (संशोधित 2018 के तहत) के अंतर्गत केस दर्ज किया गया है। विजिलेंस थाना कांड संख्या 6/2025 के तहत आगे की कानूनी प्रक्रिया जारी है।
गिरफ्तार अधिकारी धीमन चकमा त्रिपुरा के मूल निवासी हैं और 2021 बैच के IAS अधिकारी हैं। वर्तमान में वह ओडिशा कैडर में तैनात थे और धरमगढ़, कालाहांडी में उप-कलेक्टर के रूप में कार्यरत थे।
यह मामला एक बार फिर दिखाता है कि सरकारी महकमे में भ्रष्टाचार किस कदर जड़ें जमा चुका है। केंद्र और राज्य सरकारें भले ही “भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन” का दावा करें, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। छोटे से बड़े अधिकारी तक इस नेटवर्क में शामिल पाए जा रहे हैं।
इस घटना को लेकर आमजन में भारी आक्रोश है। लोगों का कहना है कि अगर उच्च पदों पर बैठे अधिकारी ही रिश्वत मांगेंगे, तो आम आदमी कहां जाएगा? वहीं, प्रशासन का कहना है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी और दोषी अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा।
ये भी पढ़ें- Starlink को भारत में मिली अंतिम मंजूरी, ₹33,000 में डिवाइस, ₹3,000 में मंथली अनलिमिटेड इंटरनेट प्लान