KNEWS DESK- भारत-पाकिस्तान सीमा पर हालिया संघर्ष के थमने के बाद आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान, और तीनों सेनाओं — थल सेना, वायु सेना और नौसेना — के प्रमुख मौजूद रहे।
बैठक का उद्देश्य सीमा पर वर्तमान स्थिति की समीक्षा करना और पाकिस्तान की ओर से लगातार हो रहे सीजफायर उल्लंघनों को लेकर आगे की रणनीति तय करना था। प्रधानमंत्री को ताजा हालात, सेना की तैयारियों और भविष्य की संभावित चुनौतियों पर विस्तृत ब्रीफिंग दी गई।
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में सेना को अधिकतम सतर्कता बरतने और किसी भी दुस्साहस का कड़ा जवाब देने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, पाकिस्तान को कूटनीतिक स्तर पर घेरने की संभावनाओं पर भी चर्चा हुई।
बैठक के प्रमुख बिंदु-
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पाकिस्तान के सीजफायर उल्लंघन का विश्लेषण
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सीमा पर सुरक्षा बलों की तैनाती और तैयारियों की समीक्षा
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नागरिकों की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम
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पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर जवाब देने की रणनीति
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बैठक के बाद कहा, “हम किसी भी हालात से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। भारत की संप्रभुता और सुरक्षा से किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा।”
NSA अजीत डोभाल ने भी स्पष्ट किया कि देश की सुरक्षा प्राथमिकता है और पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया जाएगा कि भारत अब हर नापाक हरकत का निर्णायक जवाब देगा। बैठक के दौरान यह भी तय किया गया कि सीमा पर निगरानी और इंटेलिजेंस नेटवर्क को और मजबूत किया जाएगा, ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की घुसपैठ या हमला रोका जा सके।
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