वक्फ संशोधन अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज, वैधता पर उठे गंभीर सवाल

KNEWS DESK-  सुप्रीम कोर्ट आज वक्फ संशोधन अधिनियम की वैधता को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। याचिकाकर्ताओं ने इस कानून को असंवैधानिक बताते हुए तर्क दिया है कि यह नागरिक अधिकारों का उल्लंघन करता है और इसका उद्देश्य समुदाय विशेष को प्रभावित करना है। माना जा रहा है कि अदालत इस महत्वपूर्ण मसले पर अंतरिम आदेश पारित कर सकती है।

पिछली सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के आश्वासन के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कोई अंतरिम आदेश नहीं पारित किया था। हालांकि, अदालत ने अपने आदेश में यह स्पष्ट किया था कि अगली सुनवाई तक किसी भी वक्फ संपत्ति को गैर- अधिसूचित नहीं किया जाएगा और वक्फ बोर्ड में किसी गैर-मुस्लिम की नियुक्ति नहीं होगी।

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में वक्फ अधिनियम 2025 की जरूरत और औचित्य को स्पष्ट करते हुए कहा कि इस कानून का उद्देश्य वक्फ की आड़ में हो रहे सरकारी और निजी संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकना है। सरकार का कहना है कि वक्फ बाय यूजर की व्यवस्था को हटाने से मुस्लिम समुदाय के वक्फ करने के अधिकार में कोई हस्तक्षेप नहीं हुआ है, बल्कि कानून के दुरुपयोग पर नियंत्रण लगाने का प्रयास किया गया है। साथ ही सरकार ने आरोप लगाया है कि याचिकाकर्ता अदालत को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं और वास्तविक तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहे हैं।

वक्फ संशोधन अधिनियम को चुनौती देने वाले पक्षकारों ने सरकार के हलफनामे को भ्रामक बताया है। उनका कहना है कि सरकार द्वारा पेश किया गया यह दावा कि 2013 से अब तक वक्फ संपत्तियों में 116% वृद्धि हुई है, तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक है। याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि नया कानून संविधान द्वारा प्रदत्त नागरिक अधिकारों का उल्लंघन करता है और जब तक इस पर सुप्रीम कोर्ट अंतिम फैसला नहीं देता, तब तक इस अधिनियम पर रोक लगाई जानी चाहिए।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने भी इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए केंद्र सरकार पर ‘झूठा हलफनामा’ दाखिल करने का आरोप लगाया है। बोर्ड ने अदालत से अनुरोध किया है कि जो अधिकारी गलत जानकारी के लिए जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। बोर्ड ने केंद्र के उस बयान पर भी आपत्ति जताई जिसमें कहा गया कि 2013 के बाद वक्फ संपत्तियों की संख्या में “चौंकाने वाली वृद्धि” हुई है।

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