केन्यूज डेस्क:दिल्ली व उत्तर भारत के बाद अब पहले छत्तीसगढ़ और फिर मध्यप्रदेश में शुक्रवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। तीन मिनट के भीतर ही दोनों पड़ोसी राज्यों में धरती हिल गई। सुबह करीब 10.16 मिनट के आसपास छत्तीसगढ़ के सूरजपुर में भूकंप के झटके महसूत किए गए। तो वहीं 2 से 3 मिनट के भीतर ही मध्यप्रदेश के ग्वालियर में भी भूकंप आया है। राहत की बात यह है कि छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में कहीं से किसी तरह के नुकसान होने की सूचना नहीं आई है हल्के झटके होने की वजह से नुकसान की संभावना न्यूनतम है.
इसके बाद 10:31 पर मध्य प्रदेश में झटके महसूस किए गए। मध्य प्रदेश में आए भूकंप का केंद्र ग्वालियर के नजदीक था। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, मध्य प्रदेश में 10:31 पर आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.0 माफी गई। तीन दिन में दूसरी बार धरती हिलने से लोग डर गए हैं।
22मार्च को दिल्ली NCR समेत पूरे उत्तर भारत में बीती रात मंगलवार को भूंकप झटके
दिल्लीNCR समेत पूरे उत्तर भारत में बीती रात मंगलवार को भूंकप के तेज झटके महसूस किए गए.झटके महसूस होने के बाद लोग अपने घरों से बाहर निकल आए.पंजाब,उत्तर प्रदेश ,उत्तराखंड,बिहार,राजस्थान के कई इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए.मंगलवार को करीब 10.15 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए.रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.7 रही.जानकारी अनुसार इस भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान का फैजाबाद इलाका रहा.
क्यों आता है भूकंप?
जब धरती के नीचे की सतह में चट्टानें आपस में टकराती हैं या टूटती हैं तो भूकंप का केंद्र कहलाता है. इसे हाइपरसेंटर भी कहते है. यह धरती के लिथोस्फीयर में एनर्जी के अचानक रिलीज हो जाने की वजह से बनने वाली सिस्मिक वेव से होता है. वैज्ञानिक के मुताबिक धरती के अंदर 7 प्लेट्स होती हैं जो घुमती रहती है। इसे अंग्रेजी में प्लेट टैक्टॉनिकक और हिंदी में प्लेट विवर्तनिकी कहते हैं। जहां पर ये प्लेट्स टकाराती हैं, वहां जोन फॉल्ट लाइन फॉल्ट होता है। जब बार-बार प्लेट्स टकाराती है तो कोने मुड़ने लगते हैं। और ज्यादा दबाव बनने पर प्लेट्स टूटने लगती हैं। ऐसे में धरती से ऊर्जा बाहर आने की कोशिश करती है, जिससे रफ्तार बिगड़ती है और भूकंप की स्थिति पैदा होती है। इसी के साथ ज्वालामुखी के फूटने के कारण भी धरती के भीतर हलचल बढ़ जाती है.
भूकंप आने पर कैसे बचें?