G-20 शिखर सम्मेलन : पुतिन और शी जिनपिंग के शामिल नहीं होने पर विदेश मंत्री बोले-इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कौन देश…

KNEWS DESK… G-20 शिखर सम्मेलन समारोह देश की राजधानी दिल्ली में 9 औऱ 10 सितम्बर को होने वाला है. जिसमें भाग लेने के लिए विश्व के राष्ट्राध्यक्ष और शीर्षनेतागण शामिल होने के लिए आ रहे हैं. G-20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता भारत करने जा रहा है. G-20 शिखर सम्मेलन की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं.

दरअसल आपको बता दें कि G-20 शिखर सम्मेलन में आने वाले मेहमानों के लिए ठहरने से लेकर सुरक्षा व्यवस्था तक के पुख्ता इंतजाम कर लिए गए  हैं. G-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए विश्व के प्रमुख राजनेताओं का सिलसिला जारी हो चुका है. मंगलवार की शाम नाइजीरिया के राष्ट्रपति बोला अहमद टीनुबू सम्मेलन में भाग लेने के लिए दिल्ली पहुंच चुके हैं. हालांकि इस सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एवं चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग हिस्सा लेने के लिए भारत नहीं आ रहे हैं. जबकि दूसरी तरफ गुरुवार को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन भारत आने वाले हैं.

जानकारी के लिए बता दें कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एवं चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के देश की राजधानी दिल्ली में होने वाले G-20 शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लेने पर भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा है कि मुझे लगता है इतिहास में झांके तो G-20 शिखर सम्मेलन में अलग-अलग समय पर अलग-अलग कारणों से कुछ राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री ने स्वयं न आने का निर्णय लिया है, लेकिन इस अवसर पर जो भी उस देश का प्रतिनिधि होते हैं, वह अपने देश एवं उसकी स्थिति को सामने रखते हैं.

पिछली सरकारें सिर्फ दिल्ली में ही बड़ी बैठकों का आयोजन कराने में विश्वास रखती थी-विदेश मंत्री

बता दें कि विदेश मंत्री एस जयशंकर  ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कौन देश इस सम्मेलन में किसे भेजता है. ये बातें मायने नहीं रखती हैं. असल मायने तो ये रखता है कि उस देश का क्या रुख है. इसके लिए हमें इंतजार करना चाहिए एवं यह देखना चाहिए कि बातचीत में वास्तव में क्या निर्णय लिया जाता है. हालांकि हर कोई बहुत गंभीरता के साथ इस सम्मेलन में हिस्सा लेने वाला है. इस वर्ष देशभर में कश्मीर से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक G-20 बैठक का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने G-20 आयोजन के पैमाने पर सवाल उठाने के लिए विपक्ष को निशाना साधते हुए कहा है कि पिछली सरकारें सिर्फ दिल्ली में ही बड़ी बैठकों का आयोजन कराने में विश्वास रखती थी. यदि किसी को पहले दिल्ली के लुटियंस जोन में ही बैठकें को आयोजित करने में आराम महसूस होता था तो वो उनका अपना विश्वास है. लेकिन, मौजूदा समय की सरकार की सोंच अलग है. यह एक अलग नए युग की सरकार है.

मौजूदा सरकार लोकतांत्रित मानसिकता पर काम करती है- विदेश मंत्री

विदेश मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी चाहते हैं कि पूरे देश में G-20 की भागीदारी एवं स्वामित्व की भावना हो. इसी के मद्देनजर उन्होंने G-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन पूरे देश में किया. डॉ. एस जयशंकर ने विपक्षी नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग 1983 के समय में ही अटके हुए हैं. जो लोग उस दौर में अटके हुए हैं वो उसी दौर में अटके रह सकते हैं, लेकिन मौजूदा सरकार लोकतांत्रित मानसिकता पर काम करती है.