KNEWS DESK – केंद्र सरकार द्वारा देशभर में एक साथ चुनाव कराने के लिए प्रस्तावित ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ विधेयक पर बुधवार को पहली संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की बैठक हुई। इस बैठक की अध्यक्षता भाजपा सांसद पीपी चौधरी ने की। बैठक में कुल 39 सदस्य शामिल थे, जिनमें प्रमुख राजनीतिक दलों के सदस्य भी उपस्थित थे। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी, जद (यू) के संजय झा, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, और तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी सहित कई दलों के प्रतिनिधि बैठक में शामिल हुए।
कानून मंत्रालय की विस्तृत प्रेजेंटेशन
आपको बता दें कि बैठक की शुरुआत में कानून मंत्रालय ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ विधेयक के प्रावधानों पर एक विस्तृत प्रेजेंटेशन दिया, जो लगभग 18,000 पन्नों का था। इस प्रेजेंटेशन में विधेयक के समर्थन में इसकी आवश्यकता और पूर्व में दी गई सिफारिशों के बारे में चर्चा की गई। इसके बाद, विधेयक पर विभिन्न दलों के नेताओं ने अपनी राय रखी।
प्रेजेंटेशन के बाद, विपक्षी दलों ने विधेयक का कड़ा विरोध किया। समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव ने इसे संविधान की भावना के खिलाफ बताया और आरोप लगाया कि सरकार क्षेत्रीय दलों को समाप्त करने की साजिश रच रही है। तृणमूल कांग्रेस के नेता कल्याण बनर्जी ने सवाल उठाया कि क्या खर्चा कम करना जरूरी है या फिर लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा करना अधिक महत्वपूर्ण है।
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी और मुकुल वासनिक ने भी विधेयक का विरोध करते हुए इसे संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ बताया। विपक्ष का कहना था कि यह विधेयक चुनावों की स्वतंत्रता और विविधता को खतरे में डाल सकता है।
जेपीसी बैठक का उद्देश्य
इस JPC समिति का मुख्य उद्देश्य ‘संविधान (129वां संशोधन) विधेयक’ और ‘केंद्र शासित प्रदेश विधि (संशोधन) विधेयक’ पर चर्चा करना है, जिसे हाल ही में शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में पेश किया गया था।
बैठक में हाजिरी और अनुपस्थिति
बैठक में 37 सांसदों ने शिरकत की, जबकि दो सदस्य, एलजेपी की सांसद शांभवी चौधरी और भाजपा सांसद सीएम रमेश व्यक्तिगत कारणों से अनुपस्थित रहे। दोनों सांसदों ने पहले ही अपनी अनुपस्थिति की सूचना चेयरमैन को दे दी थी।