‘दुकानदारों से पहले उनका धर्म पूछें फिर…’, महाराष्ट्र मंत्री नितेश राणे का विवादित बयान

KNEWS DESK-  जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद देशभर में गुस्से और नफरत का माहौल है। इस बीच महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे का एक विवादित बयान सामने आया है, जिसने राजनीति और समाज में हंगामा मचा दिया है। राणे ने शुक्रवार को कहा कि हिंदुओं को किसी भी दुकानदार से सामान खरीदने से पहले उनका धर्म पूछना चाहिए। उनका यह बयान पहलगाम हमले के संदर्भ में था, जिसमें आतंकवादियों ने पीड़ितों से पहले उनका धर्म पूछा और फिर उन्हें गोली मार दी।

रत्नागिरी जिले के दापोली शहर में एक सभा को संबोधित करते हुए नितेश राणे ने कहा कि अगर आतंकवादियों ने हमारा धर्म पूछने से पहले हमें मार दिया, तो अब हिंदुओं को भी किसी दुकानदार से सामान खरीदने से पहले उनका धर्म पूछना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर दुकानदार हिंदू है तो उससे हनुमान चालीसा सुनने को कहें। अगर दुकानदार हनुमान चालीसा नहीं जानता है, तो उससे सामान न खरीदें। राणे ने कहा, “आपसे पहले अगर किसी ने आपका धर्म पूछा और आपको मारा तो आपको भी अब यह अधिकार है कि आप पहले उनका धर्म पूछें।”

राणे के इस बयान के बाद समाज में कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। जहां कुछ लोग इसे अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का तरीका मान रहे हैं, वहीं कई लोग इसे विभाजनकारी और उकसाने वाला मान रहे हैं। उनके इस बयान पर विपक्षी नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने एक बड़े आतंकी हमले को अंजाम दिया, जिसमें कम से कम 26 लोग मारे गए। यह हमला विशेष रूप से कश्मीरी घाटी के एक प्रमुख पर्यटन स्थल पर हुआ। हमलावरों ने पहले पर्यटकों से उनका नाम और धर्म पूछा, और फिर कुछ पर्यटकों से ‘कलमा’ पढ़ने को कहा। जो लोग ऐसा नहीं कर पाए, उन्हें आतंकवादियों ने गोली मार दी। इस हमले ने पूरे देश को दहला दिया और बदले की भावना को हवा दी। भारत सरकार और जनता ने पाकिस्तान से जवाबी कार्रवाई की मांग की है, और कई जगहों पर पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं।

मंत्री नितेश राणे का यह बयान भारतीय राजनीति में एक नया विवाद लेकर आया है। उनका बयान ऐसे समय में आया है जब देश भर में हमले की निंदा और बदले की मांग की जा रही है। हालांकि, राणे ने अपने बयान में यह भी कहा कि हिंदू संगठनों को इस तरह की मांग को उठाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि दुकानदारों को अपना धर्म छिपाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए और यदि वे इसे नहीं बताते तो हिंदुओं को उनसे सामान नहीं खरीदना चाहिए।

ये भी पढ़ें-  IPL 2025: चेन्नई की टीम टूर्नामेंट से बाहर! अब प्लेऑफ में जाने के लिए क्या करना होगा?