KNEWS DESK – किसान आंदोलन में एक और नया मोड़ आया है, जब किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने 4 जनवरी को खनौरी बॉर्डर पर किसानों और आम लोगों से जुटने की अपील की। यह आंदोलन पिछले 10 महीनों से फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी के लिए जारी है। डल्लेवाल, जो इन दिनों आमरण अनशन पर बैठे हैं, ने एक वीडियो जारी कर देशवासियों से बड़ी संख्या में खनौरी बॉर्डर पर एकत्र होने की अपील की।
किसान नेता ने वीडियो के जरिए जताई अपील
जगजीत सिंह डल्लेवाल ने एक मिनट 10 सेकंड का वीडियो जारी करते हुए कहा कि “आप सभी को पता है कि MSP की लड़ाई लड़ी जा रही है। जो लोग इस लड़ाई का हिस्सा बनकर इसे मजबूती से लड़ना और जीतना चाहते हैं, उनसे मेरा हाथ जोड़कर निवेदन है कि 4 जनवरी को खनौरी बॉर्डर पर जरूर आएं।” उन्होंने कहा कि वह सबका स्वागत करेंगे और उनका आभार व्यक्त करेंगे।
संयुक्त किसान मोर्चा की बातचीत से दूरी
इस बीच, संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित हाई पावर कमेटी से बातचीत करने से इंकार कर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी मांग केंद्र सरकार से है, न कि अदालत से। पंढेर ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार किसानों के बीच फूट डालने के लिए बैठकें बुला रही है और उन्होंने इसे नकारा कर दिया।
केंद्र सरकार का ऑफर और मुख्यमंत्री भगवंत मान का बयान
पंढेर ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के बयान का भी उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार ने अर्धसैनिक बल और एयर एम्बुलेंस की पेशकश की थी ताकि डल्लेवाल को गोली चलाकर उठाया जा सके। किसान नेताओं ने इस पर अपनी असहमति जताई और यह स्पष्ट किया कि डल्लेवाल को किसी भी प्रकार की मेडिकल सुविधा की आवश्यकता नहीं है।
किसानों की प्रमुख मांग
किसान पिछले 10 महीनों से सरकार से फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी का कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। वे अपनी मांगों को लेकर शंभू और खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं, जहां डल्लेवाल आमरण अनशन पर बैठे हैं। किसानों का यह आंदोलन तब से जारी है, जब से केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानूनों को वापस लिया था, लेकिन MSP की गारंटी को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।
किसान आंदोलन की बढ़ती अनिश्चितता
किसान नेताओं का कहना है कि जब तक सरकार MSP पर एक कानूनी गारंटी नहीं देती, उनका आंदोलन जारी रहेगा। शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसानों ने दिल्ली कूच करने की भी कई बार कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। अब, डल्लेवाल की अपील के बाद यह देखना होगा कि कितने किसान खनौरी बॉर्डर पर एकत्र होते हैं और आंदोलन में कितनी ताकत आती है।