Knews Desk, कतर के एक कोर्ट में 8 पूर्व भारतीय नौसैनिकों को फांसी की सजा सुनाई है। कतर अरब का एक ऐसा देश है जो इस्लामी आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है। इजरायल, कतर को फूटी आंख भी नहीं सुहाता है। ऐसे में पहले हमास के इजरायल पर हमले और बदले में इजरायल का हमास पर बरपता कहर कहीं कतर के इस अप्रत्याशित कदम की वजह तो नहीं हैं?
दूसरी तरफ, इसमें पाकिस्तान की भूमिका से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। कहा जा रहा है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने ही कतर को भारतीय नौसैनिकों को लेकर उकसाया है। भारत के प्रति पाकिस्तान की नीति और नीयत कैसी रही है, इसके सबूत देने की तो जरूरत है नहीं।
अभी पाकिस्तान एक और वजह से भी भारत के खिलाफ ऐसी साजिश कर सकता है। कतर की राजधानी दोहा में इंडियन नेवी के 8 पूर्व नौसैनिकों को मौत की सजा सुनाए जाने की खबर ने पूरे देश में हलचल मचा दी है। एक साल से ये लोग कतर की कैद में हैं और (26 अक्टूबर, 2023) को वहां की कोर्ट ने आठों के लिए सजा-ए-मौत का फरमान सुना दिया। इन पूर्व नेवी अफसरों पर इजरायल के लिए जासूसी करने का आरोप लगाया गया है।
भारत सरकार के सामने इस वक्त सबसे बड़ी चुनौती है कि वह किस तरह आठों भारतीयों को फांसी के फंदे पर लटकने से बचा सकती है। उन पर क्या-क्या आरोप लगे हैं, कतर की तरफ से इसे लेकर कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई हैं। लेकिन पिछले साल जासूसी के आरोप में इनकी गिरफ्तारी हुई थी।
कौन हैं ये 8 रिटायर्ड नेवी अफसर
- कैप्टन नवतेज सिंह गिल
- कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा
- कैप्टन सौरभ वशिष्ठ
- कमांडर अमित नागपाल
- कमांडर पूर्णेन्दु तिवारी
- कमांडर सुगुनाकर पकाला
- कमांडर संजीव गुप्ता
- नाविक राकेश
अब सवाल उठ रहा है कि आखिर ऐसा क्या हुआ जो इनको मौत की सजा सुनाई गई। रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने कतर की दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टिंग सर्विसेज में काम किया। जो एक प्राइवेट कंपनी है। जो कतर की डिफेंस और सिक्योरिटी एजेंसियों को ट्रेनिंग और बाकी सर्विसेज देती है।
इस मामले में भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि मौत की सजा के फैसले से हम हैरान हैं। विस्तृत फैसले का इंतजार किया जा रहा है। विदेश मंत्रालय ने कहा, ”हम परिवार के सदस्यों और कानूनी टीम के संपर्क में हैं और सभी कानूनी विकल्प तलाश रहे हैं। इस मामले को बहुत महत्वपूर्ण मानते हैं और इस पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। सभी कांसुलर और कानूनी सहायता देना जारी रखेंगे। फैसले को कतर के अधिकारियों के सामने भी उठाएंगे।”
कतर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए 8 पूर्व नौसैनिकों में से राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित कमांडर पूर्णेन्दु तिवारी भी शामिल हैं। इन्हें 2019 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रवासी भारतीय पुरस्कार से सम्मानित किया था। जानकारी के अनुसार पूर्णेन्दु तिवारी भारतीय नौसेना में कई बड़े जहाजों की कमान संभाल चुके हैं।