नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने EPFO यानी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए EPF की ब्याज दर को 8.5 फीसदी से घटा कर 8.1 फीसदी कर आम जनता को बड़ा झटका दिया है, जिसके चलते आम आदमी की जीब में खासा असर पड़ेगा। ब्याज दरों में हुई कटौती पर सीपीआई नेता बिनॉय विश्वम ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर ईपीएफ (EPF) पर ब्याज दरों में कटौती के फैसले को वापस लेने का आग्रह किया है।
बिनॉय विश्वम ने अपने पत्र में इस फैसले को गैर-जिम्मेदाराना बताते हुए कहा “ईपीएफओ द्वारा ब्याज दर को 8.5 प्रतिशत से घटाकर 8.1% करने का निर्णय न केवल गैर-जिम्मेदार है, बल्कि देश में मेहनत करने वाले लोगों कि सरकार को कितनी चिंता है इसको भी दर्शाता है. उन्होने अपने पत्र में लिखा कि चुनाव जीतने के बाद, सत्तारूढ़ दल ने एक बार फिर अपने असली रंग का प्रदर्शन किया है।
बिनॉय विश्वम ने आपने पत्र में लिखा ” मैं आपसे (निर्मला सीतारमण से) इस निर्णय पर फिर से विचार करने और 8.5% की वर्तमान ब्याज दर को बनाए रखने का आग्रह करता हूं, जिसमें वृद्धि की आवश्यकता है. बता दें, मार्च 11 और 12 मार्च 2012 को गुवाहाटी में हुई बोर्ड की मीटिंग में ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड के सभी कर्मचारियों ने इसका विरोध किया है. जिसके बावजूद बोर्ड ने प्रस्ताव के आधार पर ब्याज दर कम करने का फैसला किया है।
वित्त वर्ष 2021-22 के PF में घटाई गयी ब्याज दर-
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भविष्य निधि (PF) जमा पर ब्याज दर घटाकर 8.1 फीसदी करने का शनिवार को फैसला किया था. यह बीते चार दशक से भी अधिक समय में सबसे कम ब्याज दर है. वित्त वर्ष 2020-21 में यह दर 8.5 फीसदी दी. इससे पहले ईपीएफ पर ब्याज दर सबसे कम 8 फीसदी 1977-78 में थी।