चेन्नई: अन्ना यूनिवर्सिटी रेप केस में दोषी ज्ञानशेखरन को 30 साल की सजा, कोर्ट ने कहा- माफी के लायक नहीं

KNEWS DESK-  तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई स्थित अन्ना यूनिवर्सिटी में हुए बहुचर्चित बलात्कार मामले में महिला अदालत ने आज फैसला सुना दिया है। आरोपी ए. ज्ञानशेखरन को बिना किसी रियायत के 30 साल के सश्रम कारावास और ₹90,000 के जुर्माने की सजा सुनाई गई है। यह मामला दिसंबर 2024 में सामने आया था, जिसने राज्यभर में आक्रोश और आंदोलन की लहर पैदा कर दी थी।

घटना दिसंबर 2024 की है, जब अन्ना यूनिवर्सिटी की 19 वर्षीय छात्रा के साथ उसी कैंपस में बिरयानी बेचने वाले ज्ञानशेखरन ने बलात्कार किया। पीड़िता की शिकायत के अनुसार, आरोपी ने पहले उसका वीडियो बनाया और फिर ब्लैकमेल कर उसके साथ दरिंदगी की। इस मामले ने शिक्षा संस्थानों में सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए थे।

जांच के दौरान पता चला कि ज्ञानशेखरन एक आदतन अपराधी है। उसके खिलाफ पहले से ही 15 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें कई यौन उत्पीड़न से जुड़े हैं। इसके बावजूद वह विश्वविद्यालय परिसर में बेरोकटोक घूम रहा था और खाना बेचने के बहाने छात्राओं के संपर्क में आता था।

चेन्नई महिला अदालत की न्यायाधीश राजलक्ष्मी ने आज यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया। उन्होंने कहा “अभियुक्त समाज के लिए एक खतरा है और ऐसे अपराधों के लिए माफी की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए।” ज्ञानशेखरन को कुल 11 धाराओं में दोषी पाया गया, जिनमें रेप, ब्लैकमेलिंग, आपराधिक धमकी और आईटी एक्ट के तहत अपराध शामिल हैं। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि ₹90,000 का जुर्माना पीड़िता को मुआवजे के रूप में दिया जाएगा।

ज्ञानशेखरन के वकील बीआर जयप्रकाश नारायणन ने कहा, “हम अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन हमारे पास ऊपरी अदालत में अपील करने का अधिकार है। जैसे ही हमें अदालत के दस्तावेज मिलेंगे, हम अपील दायर करेंगे।” इस घटना को लेकर विपक्षी दलों ने स्टालिन सरकार को कठघरे में खड़ा किया था, और विश्वविद्यालय परिसरों में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए थे। अब जब कोर्ट का फैसला आ चुका है, तो इसे ‘न्याय की जीत’ माना जा रहा है।

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