14 साल पुराने विवाद में लालू यादव व उनके परिवार के लोगों ने कथित तौर पर लोगों को नौकरी के बदले जमीन ली थी,जिसमें कुछ तो बेच दी तो कुछ उपहार के रुप में लालू को दी गई थी,
पटना:नौकरी के बदले जमीन का विवाद लालू व उनके परिवार की मुश्किलें बढ़ती जा रही है,CBI ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए सोमवार को पटना में राबड़ी देवी के आवास पर छापे मारी की है, इससे पहले भी लालू, राबड़ी देवी, मीसा भारती समेत 14 लोगों के खिलाफ CBI ने समन भेजा था, CBI ने समन में इन लोगों को 15 मार्च को पेश होने के लिए कहा है, 14 साल पुराने इस विवाद में लालू यादव और उनके परिवार ने कथित तौर पर 7 लोगों को रेलवे में नौकरी देने के बदले में जमीन ली थी, जिनमें से 5 लोगों की जमीन की बिक्री हुई थी, जबकि 2 लोगों की जमीन उपहार के रुप में लालू यादव को दे दी गई थी,
इस विवाद में लालू के करीबी व पूर्व MLA भोला यादव व हृदयानंद का भी नाम शामिल है, भोला यादव को CBI ने 27 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया था,आपको बता दें कि लालू यादव 2004 से 2009 के समय रेल मंत्री थे, उस दौरान भोला यादव उनके OSD थे,
आरोप है कि जमीनें राबड़ी देवी और मीसा भारती के नाम पर ली गई थी,यह जमीन सस्ती दरों पर ली गई थी,जब मामले की जांच CBI ने शुरु की,तब पता चला कि बिहार में पटना के निवासी होते हुए भी कुछ लोगों ने मुंबई,कोलकाता,जयपुर और जबलपुर में स्थित रेलवे में ग्रुप डी में ज्वाइनिंग कराई गई,
वहीं आरोप है कि नौकरी के बदले में उम्मीदवारों ने लालू के परिवार के सदस्यों और एक निजी कंपनी के नाम पर जमीन को बेचा था,जांच में सामने आया कि पहले उम्मीदवारों को ऐसे ही नियुक्त किया गया था और जब जमीन का सौदा हो गया तो उन्हें रेगुलर कर दिया गया था,
CBI का आरोप है कि
पटना में स्थित कई जमीन पर लालू के परिवार व उनके ही लोगों का कब्जा है,जिनका कम दामों में खरीदी गई,