KNEWS DESK- केंद्रीय जांच ब्यूरो ने बीते बुधवार को मणिपुर हिंसा मामलों की जांच के लिए 29 महिला सहित 53 अधिकारियों को तैनाती की है। अधिकारियों ने कहा कि महिला अधिकारी लवली कटियार और निर्मला देवी सहित 3 उप महानिरीक्षक रैंक के अधिकारी राज्य में हिंसा के मामलों की जांच के लिए टीमों का नेतृत्व करेंगे।
आपको बता दें कि 3 मई को राज्य में पहली बार भड़की जातीय हिंसा के बाद से अब तक 160 से ज्यादा लोग की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। हिंसा तब भड़की जब बहुसंख्यक मैतेई समुदाय के लिए अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च आयोजित किया गया था। मैतेई समुदाय मणिपुर की कुल आबादी का लगभग 53 % है और ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं। लेकिन आदिवासी नागा और कुकी समुदाय लगभग 40% है और ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं। मणिपुर हिंसा के 9 और मामलों की जांच CBI करेंगी। जांच किए जाने वाले कुल मामलों की संख्या 17 हो जाएगी। महिलाओं के खिलाफ अपराध या यौन उत्पीड़न से संबंधित किसी अन्य मामले को भी प्राथमिकता के आधार पर CBI को भेजा जा सकता है।
सूत्रों ने पहले जानकारी दी थी कि CBI द्वारा जांच किए जा रहे कई मामलों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम 1989 के प्रावधान लागू हो सकते हैं। जिनकी जांच पुलिस उपाधीक्षक रैंक के अधिकारी की ओर से की जा सकती है।