पश्चिम बंगाल के बीरभूम में हुई हिंसा मामले में गिरफ्तार नौ लोगों की फॉरेंसिक मनोवैज्ञानिक जांच कराई जाएगी। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में हत्याओं के संबंध में गिरफ्तार किए गए नौ लोगों की फॉरेंसिक मनोवैज्ञानिक जांच कराने का फैसला किया है।
एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि, जांच के दौरान एक मनोवैज्ञानिक उनके शरीर के साथ ही चेहरे की भाव-भंगिमाओं पर नजर रखने के लिए मौजूद होगा और इन्हें सबूत माना जाएगा। बताया कि, नौ संदिग्धों से पूछताछ करते वक्त फॉरेंसिक मनोवैज्ञानिक जांच की जाएगी ताकि यह पता लगाया जाए कि क्या ये लोग सच बोल रहे हैं या झूठ।
जांच के दौरान एक मनोवैज्ञानिक मौजूद रहेगा-
जांच के दौरान एक मनोवैज्ञानिक मौजूद रहेगा और वह अपने नतीजों पर एक रिपोर्ट देगा, जिसे अदालत में सबूत के तौर पर पेश किया जाएगा। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि, सीबीआई ने घटना के बारे में इनके बयानों में विसंगतियां पायी है जिसके बाद यह निर्णय लिया गया है।
उन्होंने बताया कि जांच एजेंसी ने उन दमकलकर्मियों के प्रभारी अधिकारी से पूछताछ की है जो बोगतुई गांव में 10 घरों में लगी आग बुझाने के अभियान में शामिल थे, तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेता भादु शेख की हत्या के बाद इन घरों में आग लगायी गयी थी। सीबीआई ने नरसंहार में मारे गए आठ लोगों के डीएनए जांच के नमूने भी भेजने का फैसला किया है।
अधिकारी ने कहा कि, प्रभावित परिवारों ने हमें बताया है कि वे शवों की पहचान नहीं कर पाए. डीएनए जांच से उनकी पहचान करने में हमें मदद मिलेगी. गौरतलब है कि टीएमसी नेता की हत्या के कुछ घंटों बाद जिले में रामपुरहाट पुलिस थाने के तहत आने वाले बोगतुई गांव से आठ लोगों के जले हुए शव बरामद हुए थे।