बिहार विधानसभा चुनाव 2025: एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर मंथन तेज, जेडीयू को मिल सकती है बढ़त

KNEWS DESK-  बिहार में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में सीटों के बंटवारे को लेकर रणनीति पर काम शुरू हो चुका है। सूत्रों के अनुसार, इस बार भी लोकसभा चुनाव के फार्मूले को आधार बनाकर सीटों का बंटवारा किया जाएगा। इस पर पटना से लेकर दिल्ली तक लगातार बैठकें और चर्चाएं जारी हैं।

लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी ने 17, जेडीयू ने 16, एलजेपी ने 5 और हम तथा राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने 1-1 सीट पर चुनाव लड़ा था। इसी संतुलन को विधानसभा चुनाव में भी लागू करने की तैयारी चल रही है। हालांकि विधानसभा में सीटों की संख्या ज्यादा है, इसलिए कुछ बदलाव संभावित हैं।

सूत्रों की मानें तो जेडीयू को इस बार बीजेपी से थोड़ी अधिक सीटें मिल सकती हैं। प्रस्तावित फॉर्मूले के अनुसार जेडीयू को 102-103 और बीजेपी को 101-102 सीटें दी जा सकती हैं। बची हुई करीब 40 सीटें लोजपा (रामविलास), हिंदुस्तान अवाम मोर्चा और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के हिस्से में जाएंगी। लोजपा को इसमें सबसे बड़ा हिस्सा यानी 25-28 सीटें मिलने की संभावना है, क्योंकि राज्य में उसके पांच सांसद हैं। हिंदुस्तान अवाम मोर्चा को 6-7 और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को 4-5 सीटें दी जा सकती हैं। इस बार सीट बंटवारे की एक अहम रणनीति यह भी होगी कि जिन सीटों पर कोई पार्टी लगातार दो बार से हार रही है, वे सीटें दूसरी सहयोगी पार्टी को दी जा सकती हैं। इसका उद्देश्य वहां जीत की संभावना बढ़ाना है। साथ ही सीट बंटवारे की घोषणा अंतिम समय में करने की योजना है, जिससे आपसी विवाद और असंतोष को रोका जा सके।

बिहार की राजनीति में जातीय समीकरण का अहम रोल होता है। इसलिए सीट बंटवारे और प्रत्याशी चयन में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाएगा कि एक ही जिले की सभी सीटों पर एक जाति के उम्मीदवार न हों। एनडीए की कोशिश होगी कि सभी जातियों को उचित प्रतिनिधित्व मिले और सामाजिक संतुलन बना रहे।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सेहत को लेकर भी एनडीए सतर्क है। गठबंधन को उम्मीद है कि विपक्ष अगर इसे मुद्दा बनाएगा, तो जनता की सहानुभूति नीतीश कुमार और एनडीए को मिलेगी। साथ ही एनडीए अपने संभावित बागियों की पहचान करने और उन्हें साधने में भी जुटा हुआ है।

2010 में जेडीयू ने 141 और बीजेपी ने 102 सीटों पर चुनाव लड़ा था। 2015 में जेडीयू ने एनडीए छोड़कर आरजेडी के साथ बराबर-बराबर सीटों पर चुनाव लड़ा। 2020 में जेडीयू ने 115 और बीजेपी ने 110 सीटों पर चुनाव लड़ा था। इन आंकड़ों को देखते हुए यह तय माना जा रहा है कि जेडीयू इस बार भी बीजेपी से थोड़ी अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेगी। बिहार में एनडीए के लिए यह चुनाव न सिर्फ सत्ता बनाए रखने की चुनौती है, बल्कि सहयोगी दलों के बीच तालमेल की परीक्षा भी है। सीट बंटवारे को लेकर बनने वाली रणनीति आगामी चुनाव परिणामों में निर्णायक भूमिका निभा सकती है।

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