KNEWS DESK- ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं| विवाद बढ़ने के बाद उनकी ट्रेनिंग पर रोक लगा दी गई है| उनको मसूरी की लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में वापस बुला लिया गया है|
राज्य सरकार ने पूजा को 23 जुलाई से पहले हाजिर रहने का आदेश दिया है|एकेडमी ने पूजा खेडकर का महाराष्ट्र से ट्रेनिंग प्रोग्राम रद्द कर दिया है| इसके साथ ही एकेडमी ने उन्हें तत्काल वापस बुलाने के लिए लेटर भी जारी किया है| इसके अलावा एकेडमी ने महाराष्ट्र सरकार को भी इस संबंध में पत्र लिखकर सूचित किया गया है| पूजा खेडकर पर पर्सनल गाड़ी पर लाल बत्ती लगाना, पुणे ज़िला अधिकारी के एंटी चेंबर को हथियाने जैसे आरोप लगे हैं| पूजा पर दिव्यंगता सर्टिफिकेट लेने के लिए घर की जगह फैक्ट्री का पता देने का भी आरोप लगा है|
पूजा के दिव्यांग सर्टिफिकेट पर भी सवाल उठ रहे हैं| खुलासा हुआ है कि दिव्यांग सर्टिफिकेट लेने के लिए पूजा खेडकर ने जो पता दिया था, वहां घर नहीं बल्कि फैक्ट्री है| पुणे के एक अस्पताल की तरफ से उनको जारी किए गए दिव्यांगता प्रमाण पत्र पर सवाल उठ रहे हैं| ये उन दिव्यांगता प्रमाणपत्रों में से एक है, जो सिविल सेवा में उनके चयन के शक के घेरे में आने के बाद पिछले कुछ हफ्तों में सामने आए हैं| पूजा ने 2018 और 2021 में अहमदनगर जिला सिविल अस्पताल की तरफ से जारी किए गए दो सर्टिफिकेट UPSC को जमा कराए थे| उन्होंने 2022 में पुणे के औंध सरकारी अस्पताल में दिव्यांगता प्रमाण पत्र के लिए भी आवेदन किया था, लेकिन मेडिकल परीक्षण के बाद आवेदन खारिज कर दिया गया था|
इस बीच पूजा खेडकर ने पुणे के जिलाधिकारी सुहास दिवसे पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए वाशिम पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है, ये जानकारी एक अधिकारी की तरफ से दी गई है| पूजा इन दिनों आईएएस परीक्षा पास करते समय दिए गए दिव्यांगता और ओबीसी प्रमाण पत्र को लेकर सवालों के घेरे में हैं| पुणे कलेक्टर कार्यालय में तैनाती के दौरान किए गए आचरण को लेकर भी उनके खिलाफ जांच की जा रही है|
इसके अलावा उनकी उम्र को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं| दस्तावेजों से पता चलता है कि पूजा खेडकर द्वारा 2020 और फिर 2023 में केंद्रीय अपीलीय ट्रिब्यूनल को विवरण दिए गए| इसमें तीन साल के अंतराल के बावजूद सिर्फ एक साल आयु बढ़ना दिखाया गया है| 2023 बैच की पूजा खेडकर पर पुणे में प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी के रूप में काम करते हुए पद के दुरुपयोग का आरोप है| पूजा ने कई सुविधाओं की मांग की थी|
दरअसल, ये सुविधाएं प्रशिक्षु अधिकारियों को नहीं मिल पातीं हैं, फिर भी पूजा ने लाल-नीली बत्ती और वीआईपी नंबर प्लेट वाली अपनी निजी ऑडी कार का इस्तेमाल किया| अपने वाहन पर ‘महाराष्ट्र सरकार’ का साइनबोर्ड लगाया और एक आधिकारिक कार, आवास, कार्यालय कक्ष और अतिरिक्त स्टाफ की मांग की| इतना ही नहीं, उन्होंने सीनियर अधिकारी की अनुपस्थिति में उनके चैंबर पर भी कब्जा कर लिया था| इन सभी मामलों के बाद पुणे कलेक्टर सुहास दिवासे ने मुख्य सचिव को पत्र लिखा था और पूजा खेडकर की शिकायत की थी| उसके बाद पूजा का तबादला वाशिम जिले में कर दिया गया| वहां उन्होंने असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में जॉइन कर लिया है|