KNEWS DESK- दिल्ली के हौज खास स्थित डियर पार्क में रहने वाले सैकड़ों हिरणों को अब दूसरे राज्यों के जंगलों में स्थानांतरित नहीं किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने हिरणों के स्थानांतरण पर अस्थायी रोक लगाते हुए दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) और अन्य संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर 16 मई 2025 तक जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने 30 अप्रैल को यह आदेश पारित करते हुए कहा कि जब तक मामला लंबित है, तब तक डियर पार्क से हिरणों का स्थानांतरण नहीं किया जाएगा। साथ ही कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि पार्क में मौजूद हिरणों की उचित देखभाल की जानी चाहिए।
इस मामले की सुनवाई एक गैर सरकारी संगठन न्यू दिल्ली नेचर सोसाइटी द्वारा दायर याचिका के बाद शुरू हुई, जिसमें आरोप लगाया गया था कि हौज खास स्थित हिरण पार्क से लगभग 600 हिरणों को बिना वैज्ञानिक मूल्यांकन, पशु चिकित्सा जांच और गर्भवती या कमजोर हिरणों की सुरक्षा के बिना स्थानांतरित किया जा रहा है।
याचिका में यह भी बताया गया कि अब तक तीन समूहों के हिरणों को वन्यजीव संरक्षण कानूनों का उल्लंघन करते हुए राजस्थान के अभयारण्यों में भेजा जा चुका है, जो न केवल अनुचित है, बल्कि इन बेजुबानों के जीवन के लिए खतरनाक भी हो सकता है। याचिकाकर्ता का कहना है कि DDA और अन्य प्राधिकरणों ने हिरणों के स्थानांतरण में न तो किसी आवासीय मूल्यांकन की प्रक्रिया अपनाई, न ही इस बात पर ध्यान दिया कि गर्भवती हिरणों और नवजात शावकों को क्या जोखिम हो सकता है। इसके चलते यह कदम वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 का सीधा उल्लंघन माना जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल हिरणों के किसी भी प्रकार के स्थानांतरण पर रोक लगाई है और सभी संबंधित पक्षों को 16 मई 2025 तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। कोर्ट के इस कदम से अब हिरणों की स्थिति पर दोबारा से व्यापक चर्चा और वैज्ञानिक मूल्यांकन की उम्मीद जताई जा रही है।
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