एक्सिओम-4 मिशन एक बार फिर टला, भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की उड़ान 22 जून से पहले संभव नहीं

KNEWS DESK-  भारत के पहले व्यावसायिक अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को लेकर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए रवाना होने वाला Axiom-4 मिशन एक बार फिर स्थगित कर दिया गया है। अब यह मिशन 22 जून से पहले लॉन्च नहीं होगा। पहले इसकी लॉन्चिंग 19 जून 2025 के लिए निर्धारित की गई थी।

इस देरी की घोषणा NASA, Axiom Space, SpaceX और ISRO द्वारा संयुक्त रूप से की गई है। मिशन को स्थगित करने का कारण ISS के Zvezda सर्विस मॉड्यूल के पिछले हिस्से में हुए हालिया मरम्मत कार्य के बाद संचालन मूल्यांकन को पूरा करने की आवश्यकता बताया गया है।

11 जून को लॉन्च से पहले परीक्षण के दौरान प्रोपल्शन सिस्टम में लिक्विड ऑक्सीजन रिसाव पाया गया था। इसके बाद से तकनीकी परीक्षण और सिस्टम सुधार जारी हैं। यह चौथी बार है जब Axiom-4 मिशन की लॉन्च तारीख बदली गई है।

ISRO प्रमुख वी नारायणन ने 13 जून को एक बयान में कहा था “ISRO, NASA, SpaceX और Axiom Space मिलकर ISS के ज़्वेज़्दा मॉड्यूल में पाई गई तकनीकी समस्या को ज़िम्मेदारी के साथ सुलझाने पर काम कर रहे हैं।”

यह मिशन भारत के लिए बेहद अहम है, क्योंकि इसके माध्यम से 39 वर्षीय शुभांशु शुक्ला भारत के पहले वाणिज्यिक अंतरिक्ष यात्री बनेंगे, जो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर कदम रखेंगे। शुभांशु का जन्म लखनऊ, उत्तर प्रदेश में हुआ। वे भारतीय वायुसेना में जून 2006 में कमीशन हुए। उनके पास 2000 घंटे से अधिक का उड़ान अनुभव है। वे सुखोई-30 MKI, मिग-21, मिग-29, जगुआर, हॉक, डॉर्नियर, AN-32 जैसे विमानों को उड़ा चुके हैं। शुक्ला ISS पर विशेष पोषण और खाद्य विज्ञान संबंधी प्रयोग करेंगे, जो पृथ्वी पर बेहतर स्वास्थ्य तकनीकें विकसित करने में मददगार हो सकते हैं।

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने हाल ही में कहा था कि “लॉन्च से जुड़े सभी तकनीकी मुद्दों को सुलझा लिया गया है,” लेकिन अब स्थिति के मद्देनज़र अगली संभावित लॉन्च विंडो रविवार, 22 जून के बाद तय की जाएगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि जैसे ही नई तारीख तय होगी, जनता को सूचित किया जाएगा।

Axiom Space द्वारा संचालित यह मिशन स्पेसX के फाल्कन-9 रॉकेट और क्रू ड्रैगन कैप्सूल के ज़रिए चार अंतरिक्ष यात्रियों को ISS तक ले जाएगा। यह मिशन विज्ञान, चिकित्सा, तकनीक और मानव जीवन पर अंतरिक्ष के प्रभाव जैसे विषयों पर प्रयोग करेगा।