कुवैत में असदुद्दीन ओवैसी का बड़ा बयान, पाकिस्तान FATF ग्रे लिस्ट में लौटे, आतंक पर भारत का दुनिया को संदेश

KNEWS DESK-  ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत ने पाकिस्तान के आतंक समर्थक चेहरे को उजागर करने के लिए वैश्विक स्तर पर कूटनीतिक अभियान तेज कर दिया है। इसी कड़ी में दुनियाभर के 33 देशों में भारतीय प्रतिनिधिमंडलों को भेजा गया है। कुवैत में पहुंचे भारतीय डेलीगेशन में AIMIM प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी शामिल थे। वहां उन्होंने पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा और उसे आतंकवाद का संरक्षक बताया।

कुवैत में भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा कि पाकिस्तान को दोबारा फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में डाला जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए भारत विरोधी आतंकी समूहों को फंडिंग करता है। FATF की निगरानी आवश्यक है, क्योंकि IMF से मिला 2 बिलियन डॉलर का लोन भी पाकिस्तानी सेना के हाथों में जा रहा है।”

ओवैसी ने बताया कि भारत ने दिसंबर 2023 में संयुक्त राष्ट्र की 1267 प्रतिबंध समिति को सूचित किया था कि TRF (The Resistance Front) लश्कर-ए-तैयबा का नया नाम है। इसके बाद मई 2024 में फिर से बताया गया कि यह भारत पर हमले की योजना बना रहा है। उन्होंने दावा किया कि TRF ने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी और इसकी पुष्टि भारतीय एजेंसियों ने की थी कि यह बयान पाकिस्तान के मिलिट्री बेस के पास से जारी किया गया।

ओवैसी ने पाकिस्तान की उन हरकतों का भी जिक्र किया जिनमें वह झूठे प्रचार से भारत को नीचा दिखाने की कोशिश करता है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने पीएम शहबाज शरीफ को 2019 की चीनी मिलिट्री ड्रिल की तस्वीर गिफ्ट की और कहा कि यह भारत पर जीत है। ये जोकर भारत से मुकाबला करना चाहते हैं? नकल के लिए भी अकल चाहिए, जो इनके पास नहीं है।”

धर्म के नाम पर पाकिस्तान के दावों पर ओवैसी ने सीधा हमला करते हुए कहा, “पाकिस्तान इस्लाम का नाम लेकर खुद को मुसलमानों का संरक्षक नहीं कह सकता। भारत में मुसलमानों की आबादी अधिक है और हम उनसे ज्यादा वफादार और ईमानदार हैं।”

असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान के प्रचार तंत्र पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि पाकिस्तान जो भी कहता है, उसे “चुटकी भर नमक” के साथ भी गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी नीतियों और सेना की गतिविधियों को पूरी दुनिया को बेनकाब करने की आवश्यकता है।

भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान की आतंक परस्परता को लेकर अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने की दिशा में कदम उठाए हैं। 33 देशों में भेजे गए डेलीगेशन इस कूटनीतिक प्रयास का हिस्सा हैं। ओवैसी की टिप्पणी भारत की उस नीति का हिस्सा है, जिसमें सभी राजनीतिक दल मिलकर आतंकवाद के मुद्दे पर एकजुटता दिखा रहे हैं।

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