KNEWS DESK- पूरे उत्तराखंड को झकझोर देने वाले अंकिता भंडारी हत्याकांड में आखिरकार इंसाफ की पहली सीढ़ी पार हो गई है। कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने शुक्रवार को इस हाई-प्रोफाइल केस में तीनों आरोपियों – पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता – को दोषी करार दे दिया है। अब कोर्ट की ओर से कुछ ही देर में सजा का ऐलान भी किया जाएगा।
तीनों दोषियों को अदालत ने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत हत्या और साजिश का दोषी माना है। पूरे मामले की सुनवाई लगभग 32 महीनों तक चली, जिसमें 47 गवाहों के बयान दर्ज हुए। पुलिस की ओर से 500 पन्नों की चार्जशीट दायर की गई थी, और कोर्ट में कठोर पैरवी के चलते दोषियों की जमानत याचिकाएं बार-बार खारिज हुईं।
सितंबर 2022 में गंगा भोगपुर (पौड़ी गढ़वाल) स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर काम कर रही 19 वर्षीय अंकिता भंडारी की चीला नहर में धक्का देकर हत्या कर दी गई थी।
जांच में सामने आया कि अंकिता से रिजॉर्ट में आए वीआईपी मेहमानों को ‘एक्स्ट्रा सर्विस’ देने का दबाव बनाया जा रहा था, जिसका उसने विरोध किया। इसके बाद पुलकित आर्य ने अपने दो कर्मचारियों के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी।
इस वीभत्स घटना के बाद उत्तराखंड में जबरदस्त जनआक्रोश देखने को मिला था। सड़कों पर प्रदर्शन, सोशल मीडिया पर आक्रोश, और पूरे राज्य में कानून-व्यवस्था पर सवाल उठने लगे थे। इसके बाद तत्कालीन सरकार ने DIG पी. रेणुका देवी की अगुवाई में SIT का गठन किया।
उत्तराखंड सरकार ने परिवार को ₹25 लाख की आर्थिक सहायता, अंकिता के पिता और भाई को सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया। वहीं, तीन बार सरकारी वकील बदले गए, ताकि केस की पैरवी मजबूत तरीके से की जा सके।
फैसले के दिन कोटद्वार कोर्ट के आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई। बड़ी संख्या में स्थानीय लोग, सामाजिक कार्यकर्ता और मीडिया संस्थान मौके पर मौजूद रहे।
अंकिता का परिवार दोषियों के लिए फांसी की मांग कर रहा है। पीड़ित परिवार का कहना है कि यह हत्या सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि समाज और नारी सम्मान के खिलाफ एक क्रूर हमला था, जिसका उदाहरण बनने लायक फैसला जरूरी है।
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