KNEWS DESK- भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव के बीच केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। 7 मई को देश के 244 जिलों में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा। यह अभ्यास सुरक्षा एजेंसियों के साथ-साथ आम नागरिकों की तैयारियों को परखने के लिए किया जा रहा है। इस दौरान युद्ध जैसी आपात स्थिति में लोगों को बचाव के तरीके सिखाए जाएंगे।
क्या है सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल?
सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल एक प्रशिक्षण अभ्यास है, जिसमें युद्ध, आतंकी हमले या प्राकृतिक आपदा जैसी स्थिति में नागरिकों को कैसे सुरक्षित रहना है, यह सिखाया जाता है।
इसका मुख्य उद्देश्य होता है –
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जान-माल की रक्षा करना
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अफरा-तफरी से बचना
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प्रशासनिक व्यवस्था का परीक्षण करना
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लोगों को जागरूक और तैयार बनाना
सिविल डिफेंस एक्ट, 1968 के तहत इन ड्रिल्स का आयोजन उन्हीं क्षेत्रों में होता है जो सामरिक रूप से संवेदनशील माने जाते हैं।
क्यों जरूरी हो गया ये अभ्यास?
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाक तनाव फिर से चर्चा में है। ऐसे में सरकार नहीं चाहती कि किसी भी आपात स्थिति में नागरिक असहाय हों। इसलिए यह मॉक ड्रिल न केवल सुरक्षा एजेंसियों की तैयारी दिखाएगा, बल्कि आम लोगों को भी सतर्क और सजग बनाएगा।
सायरन बजेगा तो क्या करें?
ड्रिल के दौरान तेज आवाज़ वाले सायरन बजाए जाएंगे, जिनकी रेंज 2-5 किलोमीटर तक होगी और आवाज़ 120-140 डेसिबल तक की हो सकती है। जैसे ही आप सायरन सुनें, ये कदम उठाएं:
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घबराएं नहीं, शांत रहें
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तुरंत 5–10 मिनट के अंदर किसी सुरक्षित जगह पर पहुंचें
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खुले में न रहें, घरों या इमारतों के अंदर चले जाएं
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टीवी, रेडियो और सरकारी अलर्ट्स पर नजर रखें
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अफवाहों से बचें और केवल प्रशासन के निर्देशों का पालन करें
सायरन कहां-कहां लगेंगे?
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सरकारी कार्यालयों
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पुलिस मुख्यालय
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फायर स्टेशन
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पावर प्लांट
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भीड़भाड़ वाले बाज़ार
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सार्वजनिक स्थल और चौराहे
ड्रिल के दौरान बिजली आपूर्ति भी सावधानी के तौर पर रोकी जा सकती है, और पावर प्लांट जैसी संवेदनशील जगहों को कवर किया जाएगा।
ड्रिल में कौन-कौन होंगे शामिल?
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जिला अधिकारी और स्थानीय प्रशासन
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पुलिस और सिविल डिफेंस वॉर्डन
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होम गार्ड्स
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स्कूल-कॉलेज छात्र
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NCC, NSS, और नेहरू युवा केंद्र संगठन के स्वयंसेवक