एयर इंडिया AI-171 विमान हादसा: शवों की पहचान के लिए 1000 डीएनए टेस्ट होंगे, गुजरात में शुरू हुई प्रक्रिया

KNEWS DESK-  गुजरात के अहमदाबाद में गुरुवार को हुए एयर इंडिया के विमान AI-171 के भयावह हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। यह विमान सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के लिए रवाना हुआ था, लेकिन टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद बी.जे. मेडिकल कॉलेज की हॉस्टल बिल्डिंग से टकराकर क्रैश हो गया। विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर्स शामिल थे। इस हादसे में 241 लोगों की मौत हो गई और केवल एक व्यक्ति जीवित बच पाया।

हादसे के बाद कई शव बुरी तरह से जल चुके हैं या क्षत-विक्षत हो गए हैं, जिससे उनकी पहचान करना असंभव हो गया है। ऐसे में सरकार ने वैज्ञानिक तकनीकों के ज़रिए मृतकों की पहचान सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घोषणा की है कि इस हादसे में मारे गए लोगों की पहचान के लिए लगभग 1000 लोगों का डीएनए टेस्ट किया जाएगा।

डीएनए (Deoxyribonucleic Acid) एक जैविक अणु है जो हर जीवित प्राणी की कोशिकाओं में पाया जाता है। यह हमारे शरीर की संरचना और गुणों को नियंत्रित करता है और हर व्यक्ति का डीएनए प्रोफाइल विशिष्ट होता है। यही वजह है कि डीएनए टेस्ट के जरिए मृतकों की पहचान उनके परिजनों के सैंपल से मिलान करके की जा सकती है।

कैसे किया जाएगा डीएनए टेस्ट?

1. सैंपल संग्रहण (Sample Collection):

  • मृतकों से: दांत, हड्डी, बाल या खून के अंश लिए जाएंगे।

  • परिजनों से: दो तरीके अपनाए जाएंगे –

    • मुख स्वाब (Buccal Swab): मुंह के अंदर से रुई द्वारा लार लेना।

    • रक्त सैंपल: कुछ मामलों में खून का नमूना लिया जाएगा।

2. टेस्ट प्रक्रिया के चरण:

  • डीएनए निष्कर्षण: नमूनों से डीएनए अलग किया जाएगा।

  • प्रवर्धन (Amplification): डीएनए की मात्रा बढ़ाई जाएगी।

  • प्रोफाइलिंग और मिलान: मृतकों और परिजनों के डीएनए का कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर से मिलान किया जाएगा।

  • रिपोर्ट: पहचान की पुष्टि के बाद परिजनों को शव सौंपे जाएंगे।

कहां होगा डीएनए टेस्ट?

डीएनए टेस्ट की प्रक्रिया गुजरात की दो प्रमुख फोरेंसिक संस्थाओं में की जा रही है:

  1. फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL), गांधीनगर

  2. नेशनल फोरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी (NFSU), गांधीनगर

इन लैब्स में अत्याधुनिक उपकरण, PCR मशीन और डीएनए सीक्वेंसिंग टेक्नोलॉजी उपलब्ध हैं।

कहां और कैसे दें परिजन डीएनए सैंपल?

गुजरात सरकार ने अहमदाबाद सिविल अस्पताल और बी.जे. मेडिकल कॉलेज में विशेष व्यवस्था की है।
बी.जे. मेडिकल कॉलेज के कसोटी भवन में मृतकों के निकटतम परिजन – माता-पिता, संतान, या भाई-बहन – अपना सैंपल दे सकते हैं। सैंपल देने से पहले पहचान के दस्तावेज़ (आधार, पासपोर्ट, आदि) दिखाना आवश्यक है।

क्या हैं इस प्रक्रिया की चुनौतियां?

  • शवों की गंभीर स्थिति: जलने या विखंडित होने के कारण डीएनए निकालना मुश्किल हो सकता है।

  • समय: रिपोर्ट आने में 7 से 14 दिन लग सकते हैं, हालांकि प्रयास किया जा रहा है कि इमरजेंसी में 3–5 दिन में परिणाम मिल जाएं।

  • सटीकता: सटीक मिलान के लिए कई परिजनों के सैंपल लिए जा रहे हैं।

  • लागत: डीएनए टेस्ट महंगा होता है, लेकिन सरकार इसकी पूरी लागत वहन कर रही है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि पीड़ित परिवारों को हरसंभव सहायता दी जाएगी। पीएम नरेंद्र मोदी भी हादसे के तुरंत बाद अहमदाबाद पहुंचे और घटनास्थल का दौरा कर बचाव और राहत कार्यों की समीक्षा की।

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