सीजफायर के बाद आदमपुर एयरबेस पहुंचे पीएम मोदी, जवानों से मुलाकात कर दिखाई पाकिस्तान को सख्त चेतावनी

KNEWS DESK-  भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए सैन्य संघर्ष और उसके बाद हुए सीजफायर समझौते के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार सुबह अचानक पंजाब के आदमपुर एयरबेस पहुंचे। यह वही एयरबेस है जिसे लेकर पाकिस्तान ने दावा किया था कि वह भारतीय हमलों में बर्बाद हो चुका है। पीएम मोदी की यह यात्रा न सिर्फ सैनिकों का मनोबल बढ़ाने के लिए थी, बल्कि यह पड़ोसी देश पाकिस्तान को एक सीधा और स्पष्ट संदेश भी था — “भारत कमजोर नहीं, तैयार है।”

प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार सुबह 6:15 बजे दिल्ली के पालम एयरबेस से उड़ान भरकर सीधे आदमपुर एयरबेस पहुंचे। उनके साथ वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह भी मौजूद थे। वहां पहुंचते ही पीएम मोदी ने सीमा पर तैनात जवानों से मुलाकात की और हालिया सैन्य संघर्ष में भाग लेने वाले वायुसेना के अधिकारियों और जवानों से सीधे संवाद किया। इससे पहले सोमवार रात प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम संबोधन में भारतीय सशस्त्र बलों की बहादुरी की प्रशंसा की थी और साथ ही पाकिस्तान को चेताया था कि भारत की शांति की इच्छा को उसकी कमजोरी न समझा जाए।

आज की यात्रा के दौरान भी पीएम मोदी ने जवानों को संबोधित करते हुए कहा, “आपका साहस, आपकी निडरता और आपका संकल्प भारत की रक्षा की सबसे मजबूत दीवार है। देश को आप पर गर्व है।”

पीएम मोदी ने अपनी आदमपुर यात्रा की तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर साझा करते हुए लिखा “आज सुबह मैं भारतीय वायुसेना के आदमपुर एयरबेस पर गया। अपने बहादुर वायु योद्धाओं और सैनिकों से मिला। साहस, दृढ़ संकल्प और निडरता के प्रतीक इन योद्धाओं के साथ रहना गर्व का अनुभव था। भारत हमेशा अपने सशस्त्र बलों का ऋणी रहेगा।”

प्रधानमंत्री की यह यात्रा पाकिस्तान के उस दावे का भी जवाब थी जिसमें कहा गया था कि आदमपुर एयरबेस को मिसाइल हमले में पूरी तरह नष्ट कर दिया गया है और इसका रनवे एक साल तक उपयोग में नहीं आ सकेगा। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी का खुद वहां मौजूद रहना, सक्रिय वायुसेना यूनिट से मिलना और बैकग्राउंड में S-400 और मिग-21 जैसे विमान दिखाई देना यह साबित करता है कि पाकिस्तान का दावा झूठा और भ्रामक प्रचार मात्र था।

22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने 6-7 मई की रात को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया था जिसमें पाकिस्तान और POK में 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया। इसके बाद पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई में दोनों देशों के बीच सैन्य तनाव चरम पर पहुंच गया था। 3 दिन चले संघर्ष के बाद 10 मई को सीजफायर समझौता हुआ और सीमाओं पर शांति बहाल हुई।

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