पहलगाम हमले के बाद PM आवास पर CCS की बैठक शुरू, पाकिस्तान पर हो सकता है बड़ा फैसला

KNEWS DESK –  जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार, 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले के बाद देश में गुस्से और शोक की लहर है। इस हमले में 28 बेगुनाह लोगों की जान जाने के बाद केंद्र सरकार तेजी से एक्शन में आ गई है। इसी क्रम में बुधवार दोपहर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की आपात बैठक शुरू हो गई है। इस बैठक में पाकिस्तान को लेकर कुछ कड़े और ऐतिहासिक फैसले लिए जा सकते हैं।

कौन-कौन मौजूद है बैठक में?

PM मोदी की अगुवाई में हो रही इस अहम बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शामिल हैं। मीटिंग में पहलगाम आतंकी हमले की पूरी जानकारी गृह मंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री को दी। बताया जा रहा है कि यह बैठक सिर्फ हालात की समीक्षा नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई के फैसलों के लिए बुलाई गई है।

पीएम के निर्देश पर गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार रात ही श्रीनगर के लिए रवाना हो गए थे। बुधवार दोपहर उन्होंने पहलगाम के बैसरन घाटी में हमले की जगह का दौरा किया, घायलों से मुलाकात की और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। इसके बाद वे सीधे दिल्ली लौटे और अब CCS मीटिंग में मौजूद हैं।

पाकिस्तान को लेकर क्या हो सकते हैं फैसले?

सूत्रों के मुताबिक, CCS की बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ निम्नलिखित कठोर कदमों पर विचार हो सकता है:

  • राजनयिक संबंधों को सीमित या खत्म करना: पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त को वापस बुलाया जा सकता है और पाकिस्तानी उच्चायुक्त को निष्कासित किया जा सकता है।

  • सिंधु जल संधि की समीक्षा: भारत सिंधु जल समझौते को रद्द करने या उसमें बदलाव करने का कदम उठा सकता है।

  • अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को बेनकाब करना: भारत, P-5 (संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य) देशों और अन्य वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान के आतंकी लिंक को उजागर करने की रणनीति अपना सकता है।

CCS क्या है और क्यों अहम है?

CCS यानी कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी भारत सरकार की सबसे उच्च स्तरीय सुरक्षा समिति है, जिसकी अध्यक्षता स्वयं प्रधानमंत्री करते हैं। इस समिति में राष्ट्रीय सुरक्षा, रक्षा नीति, और आतंकवाद विरोधी रणनीति जैसे महत्वपूर्ण मामलों पर तुरंत निर्णय लिया जाता है। किसी भी आपात सुरक्षा चुनौती के समय यही समिति देश की दिशा तय करती है।