सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) को पूर्वोत्तर से आंशिक तौर पर हटाने के फैसले का केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू स्वागत किया है। रिजिजू ने कहा कि, AFSPA को हटाना ये एक क्रांतिकारी फैसला है।
उन्होंने कहा, “मैं आपको गर्व और संतुष्टि की भावना के साथ संबोधित कर रहा हूं। पहली बार ऐसा महसूस हो रहा है कि पूर्वोत्तर मुख्यधारा बन गया है। हम हमेशा सुनते थे कि पूर्वोत्तर को मुख्यधारा से जोड़ना है। आज मैं कह सकता हूं कि यह पहले से ही देश की मुख्यधारा है।”
AFSPA को वापस लेना क्रांतिकारी कदम-
किरेन रिजिजू ने कहा, “असम, नागालैंड और मणिपुर के प्रमुख क्षेत्रों से AFSPA को वापस लेने का हालिया निर्णय एक क्रांतिकारी कदम है। जब AFSPA वापस लिया जाता है, तो इसका मतलब है कि उस क्षेत्र में शांति लौट आई है।
पीएम मोदी की तारीफ-
नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के बाद जिस तरह से पूर्वोत्तर को आगे ले जाने के लिए महत्व दिया गया है और जिस तरह से ‘लुक ईस्ट’ को ‘एक्ट ईस्ट’ में बदल दिया गया है और कार्रवाई शुरू हो गई है- इसका नतीजा है कि पूर्वोत्तर परिवर्तनकारी मोड में प्रवेश किया है।”
12 जिलों में आंशिक रूप से प्रभावी रहेगा AFSPA
बता दें कि AFSPA अब पूर्वोत्तर के चार राज्यों- असम, नगालैंड, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश के केवल 31 जिलों में पूरी तरह और 12 जिलों में आंशिक रूप से प्रभावी है। इन चार राज्यों में कुल 90 जिले हैं, इसके तहत, सशस्त्र सेनाओं के काम करने के लिए किसी भौगोलिक क्षेत्र को अशांत घोषित किया जाता है।