उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों अपनी जान झोकती दिख रही है। हर जनता को रिझाने के लिए चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं। इसी क्रम में बसपा सुप्रीमो मायावती ने सहारनपुर में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि, हमारी पार्टी उत्तर प्रदेश की सभी सीटों पर दमदारी से चुनाव लड़ रही है. बाबा साहब को कांग्रेस ने भारत रत्न से भी सम्मानित नहीं किया था । मान्यवर काशी राम के देहांत पर भी एक दिन के लिए राष्ट्रीय शौक लागू नहीं किया था. कांग्रेस सत्ता से बाहर होने पर दलितों और आदिवासी के वोट के लिए किस्म किस्म के नाटक करती है।
मायावती ने कहा कि, सपा की सरकार में गुंडों, माफिया और दंगा कराने वालों का राज रहा है. जब सपा सरकार में दंगे हुए तो जाटों के साथ मुस्लिमों का भी नुकसान हुआ. सपा की सरकार में मुजफ्फरनगर में भाईचारे को खत्म कर दिया गया. उन्होंने आगे कहा कि मुस्लिम समाज के साथ देने के बाद भी सपा ने कितने टिकट समाजवादी पार्टी ने दिए हैं. सपा ने मुसलमानों को कम टिकट दिए हैं. सपा के मुखिया को लगा कि मुसलमान उनकी जेब मे है।
मुस्लिम समाज को यह सपा को बताना होगा कि वो सपा की जेब नहीं है-
बसपा सुप्रीमो ने आगे कहा कि, मुस्लिम समाज को यह सपा को बताना होगा कि वो सपा की जेब नहीं है। उन्होंने इमरान मसूद को टिकट न मिलने पर इशारों पर सपा पर हमला किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस छोड़कर सपा में जाने वाले को टिकट नहीं दिया गया। धर्म के नाम पर बीजेपी सरकार ने यहां तनाव और नफरत का वातावरण बनाया है. सहारनपुर जिले में दलित वर्ग के लोगों को बताना चाहती हूं जब बीजेपी की सरकार बनी तो दलितों का उत्पीड़न हुआ है।
उन्होंने कहा कि, सब्बीरपुर कांड में दलितों को नुकसान पहुचाया गया. मैं सब्बीरपुर गांव में आई थी तो लोगों की हालत देखी, जब पार्लियामेंट में आवाज़ उठाई थी तो सरकार के मंत्रियों ने बोलने नहीं दिया. इसी मुद्दे पर मैंने राज्यसभा से इस्तीफा दिया।