आजादी के बाद श्रीलंका इस समय अपने सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहा है। इस सब के बीच भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर अगले सप्ताह श्रीलंका के दो दिनी दौरे पर जा रहे हैं। भारतीय विदेश मंत्री 26-27 मार्च को जहां मालदीव में होंगे, वहीं 28-30 मार्च तक श्रीलंका में रहेंगे।
विदेश मंत्रालय का मुताबिक, डॉ. जयशंकर की यात्रा यह बताती है कि श्रीलंका भारत के लिए अहमियत रखता है. भारतीय विदेश मंत्री का ताजा दौरा दिसम्बर 2021 और मार्च 2022 में हुई श्रीलंकाई वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे और फरवरी 2022 में विदेश मंत्री जी एल पैरीज़ की यात्रा का फॉलोअप भी है।
BIMSTEC विदेश मंत्रियों की बैठक में भी होंगे शरीक-
इस यात्रा के दौरान डॉ जयशंकर श्रीलंका की मेजबानी में 29 मार्च को हो रही BIMSTEC विदेश मंत्रियों की बैठक में भी शरीक होंगे। बंगाल की खाड़ी के करीब बसे देशों के सहयोग संगठन BIMSTEC की शिखर बैठक 30 मार्च को होनी है जिसमें प्रधानमंत्री मोदी भी शरीक होंगे. हालांकि पीएम मोदी वर्चुअल तरीके से बैठक में शामिल होंगे।
रोज़मर्रा के ज़रूरत समान जुटाने तक पैसे नहीं-
चीन के कर्ज का दबाव श्रीलंका पर इतना बढ़ चुका है कि उसके पास अब लोगों की रोज़मर्रा ज़रूरत के समान जुटाने लायक पैसे भी नहीं हैं. हालात उस हद तक पहुंच चुके हैं कि अगर श्रीलंका को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष या अन्य किसी अंतरराष्ट्रीय संस्था ने बेल आउट नहीं किया तो व्यवस्था चरमराकर बैठ जाएगी।