लाल बहादुर शास्त्री अकादमी कार्यक्रम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संबोधित किया, जिसमे उन्होंने कहा, लाइन में खड़े आखिरी शख्स को ध्यान में रखकर फैसला लें। आपको फाइलों और क्षेत्रों के बीच अंतर को समझकर काम करना होगा. वास्तविक अनुभव के लिए आपको मैदान से जुड़ना होगा।
बता दे की, लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी का 96वां बुनियादी पाठ्यक्रम मिशन कर्मयोगी पर आधारित है और पहली बार इसे सामान्य बुनियादी पाठ्यक्रम में शामिल किया है. राष्ट्रीय सिविल सेवा क्षमता निर्माण कार्यक्रम को मिशन कर्मयोगी के नाम से जाना जाता है. इसका लक्ष्य सिविल सेवा क्षमता निर्माण के माध्यम से शासन में सुधार करना है. इस पाठ्यक्रम में विभिन्न सेवाओं के 488 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि बीते वर्षों में मैंने अनेकों बैचेज के सिविल सर्वेंट्स से बात की है, मुलाकात की है, उनके साथ लंबा समय गुजारा है. लेकिन आपका बैच बहुत स्पेशल है. आप भारत की आजादी के 75वें वर्ष में अपना काम शुरू कर रहे हैं।
हम में से बहुत से लोग उस समय नहीं होंगे जब भारत अपनी आजादी के 100वें वर्ष में प्रवेश करेगा. लेकिन आपका ये बैच, उस समय भी रहेगा, आप भी रहेंगे. आजादी के इस अमृतकाल में, अगले 25 साल में देश जितना विकास करेगा, उसमें बहुत बड़ी भूमिका आपकी होगी।
अगले स्तर पर ले जाएंगे सुधार, प्रदर्शन, परिवर्तन-पीएम
पीएम मोदी ने कहा कि, आजादी के इस अमृतकाल में हमें सुधार, प्रदर्शन, परिवर्तन को अगले स्तर पर ले जाना है. इसलिए ही आज का भारत सबका प्रयास की भावना से आगे बढ़ रहा है. आपको भी अपने प्रयासों के बीच ये समझना होगा कि सबका प्रयास, सबकी भागीदारी की ताकत क्या होती।