सरकार ने इस साल (2022-23) के रक्षा बजट के कैपिटल आउटलेय यानी पूंजीगत व्यय का 25 प्रतिशत स्वदेशी प्राईवेट उद्योग के लिए सुरक्षित रखने का फैसला लिया है. यानि इस साल के बजट में 21,149 करोड़ का बजट सिर्फ स्वदेशी प्राईवेट कंपनियों द्वारा तैयार किए गए हथियार और अन्य साजो सामान पर खर्च किया जाएगा. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, स्वदेशी कंपनियों के लिए आरक्षित बजट में से 1500 करोड़ स्वदेशी स्टार्ट-अप से हथियार या फिर तकनीक खरीदने के लिए रखा जाएगा.
रक्षा बजट में 2021-22 के मुकाबले करीब 10 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी
डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (आरएंडडी) में प्राईवेट इंटस्ट्री को बढ़ावा देने के इरादे से पहली बार रक्षा बजट में आरएंडडी का 25 प्रतिशत हिस्सा स्टार्ट-अप, स्वदेशी इंडस्ट्री और शैक्षिक संस्थानों को आवंटित किया जाएगा. इस बात की घोषणा खुद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट पेश करते हुए कही. इस साल रक्षा बजट में 2021-22 के मुकाबले करीब 10 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है.
सिविल-विभाग के लिए 21,100 करोड़ आवंटिक
इस वित्तीय वर्ष यानि 2022-23 में रक्षा बजट में 2.33 लाख करोड़ रेवेन्यू एक्सपेंडिचर यानि राजस्व व्यय के लिए आवंटित किए गए हैं. पिछले साल रेवेन्यू एक्सपेंडिचर करीब 2.27 लाख करोड़ था. इस साल रक्षा मंत्रालय के सिविल-विभाग के लिए 21,100 करोड़ आवंटिक किए गए हैं. रक्षा बजट में डिफेंस पेंशन के लिए करीब 1.20 लाख करोड़ आवंटित किए गए हैं.