मुंबई: भारत में जहां कोरोना के मामलों में गिरावट की खबरे आ रही है, जो के राहत की खबर है, तो दूसरी ओर एक डराने वाली घटना सामने आ रही है। भारत में कोरोना के नए वेरिएंट XE और कप्पा का पहला केस मुंबई में मिला है। यह जानकारी मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने दी है।
जानकारी के मुताबिक, 11वें जिनोम सिक्वेंसिंग के टेस्ट में 230 सैंपल में 228 ओमिक्रॉन के मरीज मिले. एक केस दुनियाभर में तेजी से फैल रहे XE वेरिएंट का और दूसरा केस कप्पा वेरिएंट का मिला। XE वेरिएंट से संक्रमित मरीज एक 50 वर्षीय महिला है. जो फुली वैक्सीनेटेड है।
बीएमसी के मुताबिक, महिला 10 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से लौटी थी. इसके अलावा उसकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है. देश में वापसी के दौरान भी उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी. नए वेरिएंट से ग्रस्त मरीजों पर कोई गंभीर लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं।
टाटा जेनेटिक्स ने नागरिकों से की नहीं घबराने का किया आग्रह-
कोरोना वायरस का नया म्यूटेंट XE के रूप में जाना जाता है. कई रिपोर्टों में ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट बीए.2 की तुलना में अधिक तेजी से फैलने वाला बताया गया है। इस बीच, टाटा इंस्टीट्यूट फॉर जेनेटिक्स एंड सोसाइटी ने कोविड-19 के नए म्यूटेंट को लेकर देश के नागरिकों से नहीं घबराने का आग्रह किया है, इसके साथ ही संस्थान ने नए वेरिएंट XE के विकास पर बारीकी से नजर रखने को भी कहा है।
समाचार एजेंसी एएनआई से विशेष रूप से बात करते हुए टाटा इंस्टीट्यूट फॉर जेनेटिक्स एंड सोसाइटी (टीआईजीएस) के निदेशक राकेश मिश्रा ने कहा, “नया म्यूटेंट एक्सई पहली बार जनवरी के मध्य में उभरा, लेकिन मेरा मानना है कि ‘पैनिक बटन’ को धक्का देने की कोई आवश्यकता नहीं है. दुनिया भर में इससे जुड़े अब तक केवल 600 मामले सामने आए हैं, लेकिन हमें इस पर कड़ी नजर रखने की जरूरत है.”
‘नया वेरिएंट कोरोना की अगली लहर पैदा करने में सक्षम नहीं’
मिश्रा ने आगे कहा कि ऐसा कोई संकेत नहीं है कि यह कोविड-19 की अगली लहर पैदा कर सकता है. उन्होंने कहा, “इस समय ऐसा कोई संकेत मौजूद नहीं है कि यह नया संस्करण इतना मजबूत है कि यह नई लहर को जन्म दे सकता है. हमें इस पर टिप्पणी करने के लिए कुछ और समय इंतजार करना होगा कि यह फैलने में कितना समय ले सकता है.”