अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने सोमवार को संदिग्ध परिस्थितियों में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। उनका शव अल्लापुर स्थित बाघंबरी मठ स्थित उनके आवास में मिला। शाम को सूचना मिलते ही हड़कंप मच गया। पुलिस ने सूचना मिलते ही मठ को सीज कर दिया। जिले के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए थे। वहां से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है, छह-सात पन्नों का यह सुसाइट नोट उस कक्ष के बेड पर मिला जहां महंत नरेंद्र गिरि का शव पंखे में फंदे से लटका मिला। इस सुसाइड नोट की सत्यता की भी जांच होनी है कि यह वास्तव में महंत नरेंद्र गिरि ने ही लिखा या नहीं।
नोट में उन्होंने कई शिष्यों के नाम लिखे
इस नोट में उन्होंने कई शिष्यों के नाम लिखे हैं। एक तरह से उन्होंने सुसाइड नोट में अपने बाद बाघम्बरी मठ की वसीयत भी लिख दी। इसमें कई लोगों के नाम हैं। एक सवाल के जवाब में आइजी केपी सिंह ने बताया कि अपमानित करने वालों में शिष्य आनंद गिरि का भी नाम है लेकिन यह विवेचना में स्पष्ट होगा कि नरेंद्र गिरि अपने किस शिष्य से वास्तविक रूप से आहत थे।
आनंद गिरि पुलिस की में हिरासत
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि की मौत के मामले में उत्तराखंड पुलिस की मदद से यूपी पुलिस ने आनंद गिरि को अपनी हिरासत में ले लिया है. हरिद्वार से आनंद गिरि को हिरासत में लिया गया.