नई दिल्ली: मंगलवार को विदेशमंत्री एस जयशंकर ने हावर्ड यूनिवर्सिटी के छात्रों के साथ बातचीत में भारत-अमेरिका संबंध पर अपनी टिप्पड़ी दी, जिसमें उन्होंने कहा की, भारत-अमेरिका संबंध बीते दो दशकों में ‘असल बदलाव’ के दौर से गुजरे हैं और इस साझेदारी का एक अहम कारक इसका मानवीय तत्व रहा है।
जयशंकर ने कहा कि, भारत-अमेरिका संबंध पिछले दो दशकों में असल बदलाव के दौरे से गुजरे हैं. चाहे हमारा कूटनीतिक और सुरक्षा सहयोग हो या हमारी आर्थिक व प्रौद्योगिकी साझेदारी, वैश्विक मामलों में यह अपनी अहमियत महसूस कराने में सफल रही है।
उन्होंने कहा कि, एक सभ्य और लोकतांत्रिक देश के लिए आपका समर्थन आवश्यक है, जो रोजाना कई बड़ी बाधाओं को पार कर रहा है इसलिए विदेश मंत्री ब्लिंकन और मुझे कल शिक्षा तथा कौशल विकास पर कार्यकारी समूह का शुभारंभ करके बहुत खुशी हुई। इससे हम शिक्षा, अनुसंधान, नवोन्मेष और उद्यमिता के क्षेत्र में अवसरों की तलाश कर पाएंगे।
एस जयशंकर ने कहा कि, वैश्विक मामलों में मैंने रुचि लेनी क्यों शुरू की? मुझे लगता है कि इसका एक हिस्सा संभवत: संगीत में मेरी रुचि रहा है. आप जानते हैं कि आप अपनी सीमाओं से परे संगीत सुनते हैं और फिर आपको उत्सुकता होती है कि यह किस तरह का संगीत है, कहां से आया है, इसमें किस तरह के लोग हैं।
भारत-अमेरिका 2+2 वार्ता के बाद अमेरिका के विदेशमंत्री ने बताया-
उन्होंने भारत-अमेरिका 2+2 वार्ता के बाद अमेरिका के विदेशमंत्री एंटोनी ब्लिंकन के साथ छात्रों से हुई संयुक्त बातचीत में कहा कि, इस बदलाव का अहम कारक इसका मानवीय तत्व रहा है। 44 लाख की आबादी वाला भारतीय समुदाय असल में इस समाज में हमारी छवि को परिभाषित करता है और रिश्ते मजबूत बनाने में मदद करता है, जो हमारे काम के लिए ऊर्जा का बड़ा स्रोत हैं।
वहीं ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका-भारत की कूटनीतिक साझेदारी 21वीं सदी की समस्याओं से निपटने के लिए महत्वपूर्ण है. कार्यक्रम में जयंशकर ने कहा कि संगीत में उनकी रुचि और उनके परिवार के माहौल ने उनके राजनयिक जीवन की राह तैयार की. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मामलों से जुड़े विषय की द्वितीय वर्ष की छात्रा एंजेल ब्रायन के सवाल के जवाब में यह टिप्पणी की. एंजेल ने पूछा था कि ‘किस चीज ने अंतरराष्ट्रीय संबंधों में आपकी रुचि पैदा की?