प्रदेश भर में कोरोना से हालात नियंत्रण में है, लेकिन इन सबके बीच तीसरी लहर की आशंका भी लगातार जताई जा रही है। वहीं दूसरी और उत्तराखंड में 2022 विधानसभा चुनाव नजदीक आने में अब से कुछ ही समय का वक्त बाकी रह गया है। ऐसे में तमाम राजनीति पार्टियां भी जनता को लुभाने में जुट चुकी है। जिसको लेकर बीजेपी, कांग्रेस और तीसरे विकल्प के रूप में सामने आई आम आदमी पार्टी लगातार यात्राएं और रोड शो निकालकर जनता को अपना दमखम दिखाने में लगी हुई है। ऐसे में बात करें चारधाम यात्रा की तो प्रदेश में अभी तक चारधाम यात्रा शुरु करने को लेकर सरकार की सहमति नहीं बन पाई है, लेकिन सभी राजनीतिक कार्यक्रम कोरोना गाइडलाइंस की धज्जियां उड़ाते हुए किये जा रहे है। जिसको लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच अब आरोप-प्रतिआरोप का दौर शुरू हो गया है।
उत्तराखण्ड राज्य में कोरोना से हालात अब काफी हद तक काबू में आ चुके हैं, लेकिन बात करें बीते कुछ दिनों की तो संक्रमण के ग्राफ में उछाल देखने को मिला है। जिसको लेकर सरकार द्वारा चार धाम यात्रा को अभी शुरू नहीं किया गया है, लेकिन तमाम राजनीतिक पार्टियां चुनावी दौर में कोरोना नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए कार्यक्रमों का आयोजन कर रही हैं। बात करें अगर कांग्रेस की तो चारधाम यात्रा शुरू ना कराने को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर जमकर हमला बोला है। कांग्रेस का कहना है कि सरकार अपनी जन आशीर्वाद यात्रा में इस तरह मगन हो गई है कि जनता को तीसरी लहर का हवाला देकर चारधाम यात्रा शुरू कराने में पूरी तरह असंवेदनशील दिखाई पड़ रही है, लेकिन शायद कांग्रेस यह भूल गई की उनकी जन परिवर्तन यात्रा के दौरान किस तरह कोरोना नियमो को ताख पर रखकर धज्जियां उड़ाई गईं थीं।
केजरीवाल ने निकाला था रोड शो
दूसरी तरफ हालही में उत्तराखंड पंहुचे दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल का रोड शो निकला जिसमें कोविड के नियमों को तार तार कर दिया गया। आप का कहना है कि प्रदेश में अब कोरोना से हालात नियंत्रण में है और राजनीतिक कार्यक्रम भी जोरों-शोरों से चल रहे हैं, लेकिन बावजूद इन सबके सरकार की नीयत चार धाम यात्रा शुरू कराने को लेकर साफ नहीं दिखाई दे रही है।
विपक्ष जहां सरकार को घेर रहा है तो वहीं बीजपी सरकार ने भी विपक्ष को मुंह तोड़ जवाब देने में कोई कसर नहीं छोड़ रही। बीजेपी का कहना है कि नियम और कानून सभी के लिए बराबर है और चारधाम यात्रा की लेकर सरकार बेहद गंभीर है, जिसपर लगातार मंथन किया जा रहा है।
चारधाम यात्रा नहीं तो राजनैतिक यात्राएं क्यों ?
एक तरफ बीजेपी जन आशीर्वाद यात्रा निकाल रही है, तो दूसरी और कांग्रेस की जन परिवर्तन यात्रा चल रही है, वही आम आदमी पार्टी का रोड शो भी इन सब के बीच देखने को मिला है, लेकिन बात करें चारधाम यात्रा की तो चार धाम यात्रा को लेकर नियमों का हवाला देते हुए सरकार ने रोक लगा रखी है। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि जब राजनीतिक कार्यक्रम जोरों-शोरों पर किए जा सकते हैं तो फिर चार धाम यात्रा को शुरू क्यों नहीं की जा सकता।