चर्चित पत्रकार राणा अयूब (Rana Ayyub) की मुश्किलें कम होने के बदले बढ़ती जा रही है। बुधवार को मुंबई हवाई अड्डे पर प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें लंदन जाने से पहले रोका और हिरासत में ले लिया। ईडी ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें पूछताछ के लिए एक अप्रैल को तलब किया है। इससे पहले पत्रकार राणा अय्यूब के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया गया था। उसी आधार पर उन्हें बाहर जहाने से रोका गया है। बता दें कि लंदन में उन्हें जर्नलिज्म फेस्ट में भारतीय लोकतंत्र विषय पर भाषण देने के बाद इटली के लिए रवाना होना था।
एजेंसी ने सीज किये थे अकाउंट में जमा पैसे
एजेंसी ने इस साल की शुरुआत में बैंक में जमा 1.77 करोड़ रुपये से अधिक की उनकी राशि अस्थायी रूप जब्त कर ली थी. अयूब के खिलाफ, कोविड-19 राहत के लिए रकम दान देने वालों से 2020-21 में उनके द्वारा प्राप्त किये गए अंशदान में कथित अनियमितताओं से जुड़े मामले के संबंध में यह कार्रवाई की गई थी.
हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि अयूब ने नोटिस का अनुपालन नहीं किया और एजेंसी नहीं चाहती कि वह देश छोड़ कर जाएं क्योंकि इससे जांच में और बाद में अदालत में आरोप पत्र दाखिल करने में देरी हो सकती है. अयूब ने घटना के बारे में ट्वीट किया है.
राणा अय्यूब ने ट्वीट कर बोला हमला
इस मामले को लेकर महिला पत्रकार राणा अय्यूब ने अपने ट्वीट में लिखा कि जब मैं पत्रकारों को डराने-धमकाने के मुद्दे पर अपना भाषण देने के लिए लंदन जाने वाली अपनी उड़ान में सवार होने वाली थी, तभी मुझे रोक दिया गया। जर्नलिज्म फेस्टिवल में भारतीय लोकतंत्र पर मुख्य भाषण देने के तुरंत बाद मुझे इटली के लिए रवाना होना था।
विदेशी मदद मिली
ईडी अधिकारियों ने बताया था कि राणा अय्यूब ने कोविड, बाढ़ राहत और प्रवासियों के लिए तीन ऑनलाइन अभियान शुरू किए थे. यह एक तरह की क्राउड फंडिंग थी. उन्हें FCRA की मंजूरी के बिना विदेशी योगदान मिला. हालांकि, इनकम टैक्स और ईडी की कार्रवाई के बाद पत्रकार राणा ने विदेशी चंदा वापस कर दिया.
निजी खर्चों के लिए लिया चंदे का इस्तेमाल
विदेशी चंदे की वापसी के बाद भी उनके पास लगभग 2 करोड़ रुपए थे, लेकिन कथित तौर पर केवल 28 लाख रुपए का उपयोग किया गया था. ईडी का कहना हि कि उन्होंने गोवा की यात्रा जैसे निजी खर्चों के लिए चंदे का इस्तेमाल किया.
50 लाख रुपए की FD
राणा अय्यूब ने कथित तौर पर दान के पैसे का उपयोग करके 50 लाख रुपए की फिक्स डिपोजिट (FD) भी की थी. पूछताछ के दौरान उन्होंने ईडी को बताया कि एफडी इसलिए किया गया ताकि उसे कुछ ब्याज मिल सके और एक अस्पताल बनाया जा सके.