नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन में जारी जंग जहां रुकने का नाम नहीं ले रही है, जिसका असर पूरी दुनिया में देखा जा सकता है, अमेरिका में महंगाई दर पिछले 40 सालों के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के कारण मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोना जून 2022 के फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट के लिए 53,000 रुपए प्रति 10 ग्राम के करीब पहुंच गया. हालांकि, यह 53,000 रुपए के मनोवैज्ञानिक स्तर से ऊपर रहने में विफल रहा. शुक्रवार को पीली धातु क्लोजिंग बेसिस पर 1970 डॉलर का ब्रेकआउट देते हुए 1974 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुई।
कमोडिटी मार्केट के विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिकी महंगाई, रूस-यूक्रेन संकट जल्द खत्म नहीं होने के आसार जैसे कई कारणों निकट भविष्य में हाजिर बाजार में सोने की कीमत 2020 डॉलर प्रति औंस के स्तर तक जा सकती है. उन्होंने कहा कि घरेलू बाजार में एमसीएक्स गोल्ड प्राइस कम समय में ही 53,500 से 53,800 रुपए प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती है।
सोने के जरिये महंगाई से बचाव चाहते
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड में कमोडिटी एंड करंसी रिसर्च की उपाध्यक्ष सुगंधा सचदेवा ने लगातार दूसरे सप्ताह सोने की कीमत में तेजी के कारणों में रूस-यूक्रेन संघर्ष को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, “दोनों देशों के बीच शांति के प्रयास विफल हो रहे हैं. साथ ही, बढ़ती महंगाई की रिपोर्ट बाजार की धारणाओं को प्रभावित कर रही है.”
उन्होंने कहा कि मार्च में अमेरिकी वार्षिक सीपीआई बढ़कर 8.5 फीसदी हो गया, जो 40 साल का रिकॉर्ड है. पीपीआई की ओर से मापा गया थोक मूल्य 11.2 फीसदी वार्षिक दर पर पहुंच गया है. ब्रिटेन में मार्च के महंगाई के आंकड़े ने दुनिया में उच्च महंगाई को दिखाया है. इससे सोने की खरीद में दिलचस्पी बढ़ी है क्योंकि निवेशक हार्ड एसेट के जरिये महंगाई से बचाव चाहते हैं.”