यूपी चुनाव में अपनी पार्टी के प्रचार के लिए गुरुवार को प्रियंका गांधी सिकंदराबाद में जनसंपर्क करने पहुंची। प्रियंका गांधी ने सिकंदराबाद में डोट टू डोट कैंपन भी किया। प्रियंका गाँधी ने प्रचार के तहत डोट टू कैंपेन के दौरान प्रियंका गांधी ने लड़कियों को अपना घोषणापत्र भी सौंपा और कहा कि, आप भी इसे पढे़ और घर में बाकी लोगों को समझाएं. इस दौरान लड़की हूं, लड़ सकती हूं के नारे भी लगाए गए।
वहीं, प्रियंका गांधी दोहरऊ, बुलंदशहर में रेप पीड़िता के घर पहुंची। बुलंदशहर में हाथरस जैसी घटना हुई थी। रेप करके पीड़िता की हत्या कर दी गई थी और घरवालों का आरोप है कि, पुलिस ने आनन-फानन में लड़की का दाह संस्कार जबरन करवा दिया था, इससे पहले बुधवार को प्रियंका गांधी नोएडा में महिलाओं के साथ चाय पर बातचीत करती नजर आईं थी।
छोटे व्यवसायों का समर्थन करने के लिए कोई नीति नहीं है: प्रियंका
इस दौरान प्रियंका ने महिलाओं के मुद्दे, उनकी समस्या क्या है इसके बारे में जानकारी ली. इस दौरान प्रियंका गांधी ने कहा कि सरकरा की नीतियां सिर्फ 4-5 लोगों के लिए होती हैं. उनके पास एमएसएमई, छोटे व्यवसायों का समर्थन करने के लिए कोई नीति नहीं है. मुनाफा कुछ मुट्ठी भर लोगों को मिलता है. वे बदरगाह, हवाई अड्डे, एयर इंडिया खरीद रहे हैं।
महिलाओं के मुद्दे पर बोली प्रियंका-
प्रियंका गांधी ने आगे कहा कि, जो बदलाव की बयार उन्होंने लाई है उससे बेहद खुश हैं. यह लड़का और लड़की में एकरूपता लाने के लिए बड़ा कदम है. इस दौरान प्रियंका गांधी ने कहा कि, सभी राजनीतिक पार्टियां अपना वोट बैंक पहचानती हैं। जाति के आधार पर तो वोट बैंक बचाए जाते हैं, लेकिन प्रदेस में 50 फीसदी महिला वोटर्स हैं उन्हें हमेशा से ही नकारा जाता रहा है। उन्होंने कहा कि, सब सिर्फ इसलिए होत है क्योंकि महिलाए खुद अपनी आवाज नहीं उठाती हैं। आज महिलाओं को एक मुट्ठी की तरह इकट्ठा होने की जरुरत है ताकि सिर्फ सरकार ही नहीं बल्कि दुनिया उन्हें सुन सके।
आंगनबाड़ी-आशा कार्यकर्ताओं के मांगा समर्थन
उन्होंने कहा कि, आज महिला शिक्षा, सुरक्षा की बात हो ही नहीं रही है. महिलाओं से बातचीत से पहले प्रियंका गांधी ने नोएडा में डोर-टू-डोर कैंपेन किया था. प्रियंका गांधी ने डोर टू डोर चुनाव प्रचार से पहले आशा, आंगनबाड़ी, उद्दोगों से जुड़े लोग, फ्लैट बायर एसोसिएशन, किसान, महिलाओं, स्टार्ट अप से जुड़ी महिलाओं से बातचीत की. उन्होंने कहा कि हम अलग-अलग रोजगरों के लिए एक जॉब कैलेंडर तैयार करेंगे और युवाओं बताएंगे कि हम उन्हें नौकरी कैसे देंगे।