बरेली हिंसाः तौकीर रजा के करीबी मोहम्मद आरिफ की अवैध संपत्तियों पर चला बुलडोज़र

डिजिटल डेस्क- बरेली में 26 सितंबर को हुए बवाल के बाद प्रशासन लगातार अभियान तेज कर रहा है। मुख्य आरोपी मौलाना तौकीर रज़ा पहले से ही फतेहगढ़ जेल में बंद हैं, वहीं अब उनके करीबी बताए जाने वाले कॉलोनाइज़र मोहम्मद आरिफ के अवैध निर्माणों पर बड़ी कार्रवाई शुरू हो गई है। शनिवार सुबह बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) की टीम ने आरिफ द्वारा बनाए गए दो बड़े निर्माण जगतपुर में दो मंजिला मार्केट और पीलीभीत बाईपास रोड पर स्थित विशाल कपड़ों के शोरूम को गिराने की प्रक्रिया शुरू कर दी। सुबह से ही बीडीए की टीम जेसीबी, बुलडोज़र और भारी अमले के साथ मौके पर पहुंची। कार्रवाई शुरू होते ही बारादरी थाना पुलिस और आसपास के थानों की फोर्स ने इलाके को चारों ओर से घेर लिया। सीओ तृतीय पंकज श्रीवास्तव के नेतृत्व में एक कंपनी पीएसी भी तैनात रही। पुलिस लगातार माइक से लोगों को दूर रहने की अपील करती रही ताकि कोई अव्यवस्था या हादसा न हो।

बिना नक्शा पास कराए बनाए गए थे निर्माण

बीडीए उपाध्यक्ष डॉ. ए. मणिकंडन ने बताया कि मोहम्मद आरिफ ने दोनों जगहों पर निर्माण बिना नक्शा स्वीकृत कराए किया था। जगतपुर में बने दो मंजिला मार्केट में कई दुकानें, जिम और होम डेकोर सेंटर संचालित हो रहे थे। वहीं पीलीभीत बाईपास पर स्थित व्यावसायिक भवन पूरी तरह दस्तावेज़विहीन था। जांच में निर्माण अवैध पाए जाने के बाद बीडीए ने 11 अक्टूबर को दोनों परिसरों को सील कर दिया था। ध्वस्तीकरण की शुरुआत मार्केट के पिछले हिस्से से की गई। लगातार जेसीबी की चोट से पूरा ढांचा ढहने लगा। इलाके में 6 बुलडोज़र लगाए गए हैं, साथ ही सुरक्षा के लिए भारी बैरिकेडिंग की गई है। बिजली विभाग ने भी एहतियातन पूरे क्षेत्र की बिजली काट दी।

दुकानदारों से लाखों में बेची गई थीं दुकानें

स्थानीय लोगों के अनुसार, मोहम्मद आरिफ ने इस अवैध मार्केट की दुकानें 30-30 लाख रुपये तक में बेची थीं। कई दुकानों को किराए पर भी दिया गया था और हर महीने 8-9 हजार रुपये किराया वसूला जाता था। दुकानों को सील करते समय कई दुकानदारों ने आरोप लगाया कि उन्हें सामान निकालने तक का मौका नहीं दिया गया। पीलीभीत रोड वाले भवन में भी वर्षों से फर्नीचर और कपड़ों की दुकानें चल रही थीं, लेकिन प्रशासन के पास इसका कोई नक्शा या अनुमति दस्तावेज नहीं था।

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