KNEWS DESK- दुनियाभर में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए मशहूर अमेरिकी कंपनी टेस्ला ने अब आधिकारिक रूप से भारतीय बाजार में एंट्री कर ली है। मंगलवार को मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) स्थित मेकर मैक्सिटी मॉल में टेस्ला के पहले शोरूम का उद्घाटन हुआ। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस शोरूम का उद्घाटन करते हुए कहा, “टेस्ला, वेलकम टू इंडिया।”
टेस्ला के शोरूम लॉन्च के साथ भारत में उसकी कारों की बिक्री की राह तो साफ हो गई है, लेकिन स्थानीय निर्माण को लेकर अब भी स्थिति स्पष्ट नहीं है। भारत सरकार के भारी उद्योग मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने हाल ही में बयान दिया कि, “फिलहाल टेस्ला भारत में सिर्फ कारें बेचना चाहती है, निर्माण या उत्पादन की कोई योजना अभी नहीं है।” इससे यह साफ होता है कि शुरुआती चरण में टेस्ला की कारें भारत में पूरी तरह निर्मित (CBU) यूनिट्स के रूप में आयात की जाएंगी, जिन पर फिलहाल उच्च आयात शुल्क लगता है।
टेस्ला के सीईओ एलन मस्क पहले भी कई बार भारत में कारोबार शुरू करने की इच्छा जता चुके हैं, लेकिन उन्होंने बार-बार उच्च आयात करों को प्रमुख बाधा बताया था। हालांकि भारत सरकार ने हाल ही में नई ईवी नीति का एलान किया है, जिसके तहत वैश्विक ईवी निर्माताओं को कम टैक्स, स्थानीय विनिर्माण की छूट, और अन्य प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं। इस नीति के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि टेस्ला आने वाले समय में भारत में स्थानीय उत्पादन पर भी विचार कर सकती है, खासकर अगर उसे बाजार में सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलती है।
2024 की शुरुआत में ही टेस्ला ने भारत में स्थानीय टीम की भर्ती शुरू कर दी थी। इसके बाद से यह तय माना जा रहा था कि टेस्ला की भारत में एंट्री अब बस वक्त की बात है। कंपनी ने खास तौर पर सेल्स, मार्केटिंग, और सपोर्ट स्टाफ की नियुक्ति की है ताकि भारतीय ग्राहकों को बेहतर अनुभव मिल सके।
भारत का इलेक्ट्रिक वाहन बाजार तेज़ी से बढ़ रहा है। केंद्र सरकार की नीतियों, राज्यों की सब्सिडी योजनाओं, और बढ़ते पर्यावरणीय जागरूकता के चलते ईवी की मांग तेजी से बढ़ रही है। टेस्ला की भारत में मौजूदगी से प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, स्थानीय कंपनियों पर दबाव बनेगा, उपभोक्ताओं के पास प्रीमियम विकल्प बढ़ेंगे।
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