स्कोडा ऑटो फॉक्सवैगन इंडिया ने 6,00,000 कार निर्यात आंकड़ा किया पार

KNEWS DESK :- भारत हर तरह से विकास की ओर आगे बढ़ रहा है| भारतीय बाजार आयात निर्यात दोनों में तेजी से आगे बढ़ रहा है| भारतीय कंपनी स्कोडा ऑटो फॉक्सवैगन इंडिया ने हाल ही में अपनी 6,00,000 कार निर्यात कर एक मील का पत्थर हासिल किया है|

 

एक प्रमुख निर्यात केंद्र :-

कंपनी ने पुणे के चाकन में अपने मैन्युफेक्चरिंग प्लांट में तैयार किए  6,00,000 कारों के निर्यात का अकड़ा पार किया है। यह उपलब्धि फॉक्सवैगन समूह के लिए एक प्रमुख निर्यात केंद्र के रूप में सामने आ रही है और यह भारत की स्थिति को मजबूत करती है। भारत में बने मॉडलों की मेक्सिको, जीसीसी देशों, उप सहारा, उत्तरी अफ्रीका और अन्य एशियाई मार्केट में मजबूत मांग हो रही है, जिससे समूह की वैश्विक उपस्थिति और मजबूत हो रही है। साथ ही कुशाक भारत से निर्यात होने वाला पहला स्कोडा वाहन भी है।

फॉक्सवैगन की निर्यात यात्रा :-

फॉक्सवैगन की निर्यात यात्रा Polo और Vento  से शुरू हुई। अब इन मॉडल्स को बंद कर दिए हैं। अब निर्माता अपनी Volkswagen Virtus , Volkswagen Taigun और Skoda Kushaq का निर्यात कर रहा है। वाहनों को लेफ्ट-हैंड और राइट-हैंड दोनों ड्राइव वैरिएंट्स में निर्यात किया जा रहा है।

कंपनी ने कहा :-

स्कोडा ऑटो फॉक्सवैगन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का कहना है कि इंडिया 2.0 प्रोजेक्ट कारों को वैश्विक स्तर पर अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। भारत निर्मित स्कोडा कुशाक और स्कोडा स्लाविया मॉडल को 2024 में पार्ट्स और कंपोनेंट्स के रूप में वियतनाम में निर्यात किया जाएगा। इस विस्तार को सुविधाजनक बनाने के लिए, पुणे के चाकन में एक एडवांस्ड 16,000 वर्ग मीटर का प्लांट निर्माण किया जा रहा है, जो इनके निर्माण के लिए डेडेकिटेड है।

कंपनी के प्रबंध निदेशक और सीईओ पीयूष अरोड़ा ने कहा:-

स्कोडा के प्रबंध निदेशक और सीईओ, पीयूष अरोड़ा ने कहा, “भारत से निर्यात हमारी ग्लोबल नीति का एक अभिन्न अंग है। 600,000 यूनिट्स का आंकड़ा पार करना एक महत्वपूर्ण सफलता है। भारत की रणनीतिक भौगोलिक स्थिति और यहां की इंजीनियरिंग क्षमताएं हमारे बढ़ते निर्यात की कुंजी रही हैं। यह गर्व की बात है कि भारत निर्मित Polo और Vento द्वारा बनाई गई निर्यात की सफल विरासत को अब फॉक्सवैगन ताइगुन, फॉक्सवैगन वर्टस और स्कोडा कुशाक  आगे बढ़ा रही है जो विश्व स्तर पर पसंद और स्वीकार की जा रही है | जैसा कि वे भारत में करते हैं। बहुत जल्द हम स्कोडा कुशाक और स्कोडा स्लाविया को पार्ट्स और कंपोनेंट्स रूट के जरिए वियतनाम तक अपना रास्ता खोजते हुए देखेंगे। यह सफलता भारतीय बाजार और दुनिया दोनों के लिए “मेक इन इंडिया” के प्रति हमारी स्थिर प्रतिबद्धता का उदाहरण देती है|

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