KNEWS DESK- बीते साल भारत में पहली फ्लेक्स-फ्यूल से चलने वाली गाड़ी को पेश किया गया था। फ्लेक्स-फ्यूल कारों को लेकर भारत सरकार तेजी से काम कर रही है। उम्मीद है कि आने वाले समय में सभी गाड़ियों में फ्लेक्स-फ्यूल अनिवार्य हो सकता है| भारत की पहली फ्लेक्स-फ्यूल कार की सवारी कई बार केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी कर चुके हैं। आइये विस्तार में बताते हैं|
देश की पहली फ्लेक्स फ्यूल कार
टोयोटा कोरोला एल्टिस हाइब्रिड देश की पहली फ्लेक्स-फ्यूल कार है। इसमें स्ट्रांग हाइब्रिड टेक्नोलॉजी का यूज किया जाता है। इसे 11 अक्टूबर, 2022 को पेश किया गया था, इसका उद्घाटन परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने किया था। टोयोटा देश में फ्लेक्सि फ्यूल स्ट्रांग हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल परियोजना पर काम कर रही है। इसके तहत यह देश की पहली गाड़ी होगी, जिसमें फ्लेक्स फ्यूल इंजन का यूज किया जाएगा।
कार्बन उत्सर्जन को कर सकते हैं कम
फ्लेक्स-फ्यूल वाहन के इंजन को इस तरीके से बनाया जाता है कि यह पेट्रोल और इथेनॉल के मिश्रण से चल सके, इसकी मात्रा 100 % तक होती है। हाइब्रिड तकनीक वाले इंजन को शक्ति प्रदान करने के लिए बैटरी का प्रयोग भी कर सकते हैं। इस पहल से कार्बन उत्सर्जन को भी कम किया जा सकता है। नई टोयोटा कोरोला एल्टिस फ्लेक्सी-फ्यूल स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल 1.8-लीटर इथेनॉल-रेडी पेट्रोल-हाइब्रिड इंजन द्वारा चलती है।
फ्लेक्स-फ्यूल के फायदे
फ्लेक्स-फ्यूल वाहन के प्रयोग से पेट्रोल और डीजल पर निर्भरता कम होगी जोकि एक बड़ा फायदा है। साथ ही देश की अर्थव्यवस्था को और संतुलन मिलेगा। फ्लेक्स-फ्यूल वाहन के उपयोग से पेट्रोल और डीजल के वाहनों में कमी आयेगी जिससे हमारें पर्यावरण को बहुत फायदा होगा। इसके इस्तेमाल से कम जहरीले धुएं उत्पन्न होंगे।साथ ही ग्रीनहाउस गैसों में भी कमी आयेगी। इससे ग्लोबल वार्मिंग का भी खतरा कम होगा। फ्लेक्स ईंधन कर क्रेडिट के चलते ग्राहकों को टैक्स में भी बचत होगी। इस तरह के पहल में सरकार भी मदद करती है।