KNEWS DESK- कर्नाटक से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसपर यकीन कर पाना लगभग नामुमकिन सा लगता है। कर्नाटक के यवतमाल जिले में एक किसान के पुश्तैनी पेड़ ने उसको करोड़पति बना दिया। किसान के पुश्तैनी पेड़ की कीमत 4.95 करोड़ आंकी गई। जिसके बाद से किसान बेहद खुश नजर आ रहा है।
मामला कर्नाटक के यवतमाल जिले का है। यहां रहने वाले केशव शिंदे की पुश्तैनी जमीन पर एक लाल चंदन का पेड़ लगा था। प्रारंभ में किसान को इस पेड़ के और इसकी कीमत के बारे में जानकारी नहीं थी। केशव शिंदे की जमीन से रेलवे ट्रैक गुजरने की योजना आई, जिसके बाद 2013-14 में जमीन का सर्वे करने रेलवे विभाग की तरफ से कुछ अधिकारी आये और उन्होंने मौका-मुआयना। केशव को पेड़ की कीमत का पहले पता नहीं चला पर बाद में एक संगठन की मदद से पेड़ की कीमत का आकलन कराया तो पता चला की उस पेड़ की कीमत करीब 4.95 करोड़ है। मगर इस बात को छिपाते हुए रेलवे ने केशव शिंदे की जमीन का अधिग्रहण कर लिया पर उस पेड़ की कीमत देने में आनाकानी करने लगा। केशव ने रेलवे से पेड़ की कीमत को लेकर अदालत में वाद दायर कर दिया, जिसके बाद अदालत ने पेड़ के मूल्यांकन के लिए मुआवजे के रूप में एक करोड़ रुपये जमा करने का आदेश दिया था। अब इसमें से पचास लाख रुपए किसानों के खाते में जमा करने के आदेश दिए गए हैं। शिंदे परिवार को वह पैसा निकालने की अनुमति दे दी गई है। प्रारंभ में, शिंदे परिवार ने लाल चंदन के पेड़ का मूल्यांकन एक निजी इंजीनियर से करवाया था। हालांकि, तब रेलवे ने इसे अनदेखा कर दिया, क्योंकि यह बहुत अधिक था, तो शिंदे ने उच्च न्यायालय में मामला दायर किया।
पेड़ करीब 100 वर्ष पुराना
किसान केशव शिंदे ने बताया कि ये पेड़ उसके पूर्वजों द्वारा लगाया गया था। पेड़ की वर्तमान आयु 100 वर्ष से भी अधिक है। केशव ने बताया कि प्रारंभ में इसकी वास्तविक कीमत की जानकारी उसे या उसके परिवार वालों को नहीं थी पर रेलवे के सर्वे की वजह से और जानकारी करने पर इसकी असली कीमत पता चली।
कोर्ट ने सुनाया केशव के हक में फैसला
न्यायमूर्ति अविनाश खरोटे और न्यायमूर्ति अभय मंत्री के समक्ष सुनवाई हुई। मुआवजे के संबंध में 8 फरवरी, 2018 को आदेश पारित किया गया तथा लाल चंदन व अन्य पेड़ों के संबंध में आदेश पिछली सुनवाई में दिए गए। इसके बाद रेलवे ने अदालत को बताया कि 200 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान नहीं किया गया है 1 करोड़ रुपए कोर्ट में जमा करा दिए गए हैं।