शिव शंकर सविता- बिहार की राजधानी पटना में एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है, जहां सरकारी कर्मचारियों ने गैर-जिम्मेदाराना तरीके से एक कुत्ते का आवास प्रमाणपत्र जारी कर दिया। मामला प्रकाश में आते ही हड़कंप मच गया। जिसके बाद जिलाधिकारी ने मामले की जांच के बाद संबंधित पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं। मामला पटना के मसौढ़ी अंचल कार्यालय का बताया जा रहा है। यहां पर आरटीपीएस कांउटर ने एक कुत्ते की फोटो लगा आवास प्रमाण पत्र जारी कर दिया। जारी आवास प्रमाणपत्र में राजस्व पदाधिकारी मुरारी चौहान के डिजिटल हस्ताक्षर भी हैं।
दोषी पर दर्ज होगी FIR
नियमानुसार आवास प्रमाणपत्र जारी तभी होता है, जब राजस्व अधिकारी और उसके पहले संबंधित क्षेत्र के राजस्व कर्मचारी पहले उस फॉर्म का सत्यापन करते हैं। वहीं, मामला गरमाया तो सीओ प्रभात रंजन ने कहा कि कार्यालय के कर्मियों ने ध्यान नहीं दिया जिसके कारण कुत्ते का आवास प्रमाणपत्र जारी हो गया।

सीओ ने कहा कि ऑनलाइन आवेदन करने वाले के आइडी से पता कर लिया जाएगा कि किसने ऐसा भद्दा मजाम किया है। उसके खिलाफ सोमवार को प्राथमिकी दर्ज होगी। सत्यापन करने वाले कर्मी से भी स्पष्टीकरण पूछा जाएगा।
मामला खुलते ही रद्द किया गया प्रमाणपत्र
जैसे ही मामला सार्वजनिक हुआ, विभागीय अधिकारियों की नींद खुल गई और रविवार की शाम को तुरंत RTPS पोर्टल से उस फर्जी निवास प्रमाण पत्र को रद्द कर दिया गया। साथ ही राजस्व पदाधिकारी का डिजिटल हस्ताक्षर भी हटा दिया गया। हालांकि, सर्वर पर अभी भी उस जानवर के निवास प्रमाण पत्र की रद्द की गई कॉपी मौजूद है। मसौढ़ी के अंचलाधिकारी प्रभात रंजन ने बताया कि इस मामले को संज्ञान में लेकर संबंधित प्रमाण पत्र को रद्द कर दिया गया है और आगे की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि मामले में साइबर फर्जीवाड़ा और सरकारी दस्तावेज से छेड़छाड़ के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी।