कानपुर पुलिस ने निकाला न्याय का अनोखा तरीका, न्याय के तरीके को देख सभी लगे मुस्कुराने

SHIV SHANKAR SAVITA- पुलिस कमिश्नरेट कानपुर की पुलिस ने न्याय करने का एक अनोखा तरीका निकाला है। पुलिस के इस तरीके को देखकर थाने में मौजूद लोग मुस्कुराने और पुलिस की तारीफ करने से खुद को रोक नहीं पाये। मामला कानपुर के थाना कल्याणपुर का है। कल्यानपुर थाने के प्रभारी सुबोध कुमार ने बकरी के बच्चे को उसके असली मालिक तक पहुंचाने के लिए जिस तरीके का इस्तेमाल किया, उसकी चारों तरफ चर्चा हो रही है। हर कोई पुलिस की इस कार्यशैली की चर्चा करता नजर आ रहा है। दरअसल कल्याणपुर की गूबा गार्डन की रहने वाली चन्द्रा देवी की बकरी ने कुछ दिनों पहले एक मेमने को जन्म दिया था। जन्म लेने के बाद मेमने की तबीयत खराब हो गई थी, जिसकी वजह से चन्द्रा देवी मेमने को लेकर पशु चिकित्सक के पास जा रही थी तभी क्षेत्र की ही मीना कुमारी ने चन्द्रा देवी को रास्ते में रोक लिया और मेमने को अपनी बकरी का बच्चा बताने लगी। समझाने पर भी मीना मानने को तैयार नहीं थी। बीच सड़क महिलाओं के लड़ने की सूचना पुलिस को दी गई। जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों महिलाओं और मेमने को लेकर थाने आ गई।

मेमने पर दोनों महिलाएं ठोक रही थीं अपना दावा

चन्द्रा देवी और मीना कुमारी दोनों ही मेमने पर अपना दावा ठोक रही थी। मीना कुमारी का कहना था कि उसकी बकरी काली है इसलिए ये बच्चा उसकी बकरी है जबकि चन्द्रा देवी का कहना था कि उसकी बकरी सफेद है इसलिए ये बच्चा उसकी बकरी का है। असल में बकरी के बच्चे का रंग आधा काला और आधा सफेद था। इस वजह से निष्कर्ष नहीं निकल पा रहा था।

इंस्पेक्टर ने लगाया दिमाग, तुरंत ही हल कर दी मेमने की गुत्थी

जिस समय पुलिस दोनों महिलाओं और मेमने के बच्चे को थाने लेकर पहुंची उस समय थाने में समाधान दिवस चल रहा था। इंस्पेक्टर सुबोध कुमार थाने में ही मौजूद होकर लोगों की समस्या सुन रहे थे। इस मामले को प्रभारी सुबोध कुमार के समक्ष लाया गया। इंस्पेक्टर ने मामले को सुनते ही तुरंत दोनों महिलाओं को अपनी अपनी बकरी थाने लाने के निर्देश दिए। जिसपर दोनों महिलाएं अपनी अपनी बकरियां लेकर थाने आ गई। इसके बाद दोनों बकरियों को अलग-अलग कोने में बांधा गया और मेमने को छोड़ दिया गया। इंस्पेक्टर का कहना था कि इंसान हो या जानवर। अपनी माँ को बखूबी पहचानता है। ऐसे में मेमना जिस बकरी का दूध पिएगा, मेमना उसी बकरी का होगा। मेमने ने पहले दोनों बकरी को देखा और कुछ देर बाद ही दौड़कर चन्द्रा देवी की सफेद बकरी के पास जाकर दूध पीने लगा। दोनों महिलाएं और थाने में मौजूद लोग इस बात पर सहमत हो गए कि मेमना चन्द्रा देवी का है।

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